कैसे साकार होगा आत्म निर्भर भारत का लक्ष्य ! सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे बैंक मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का पात्रों को नहीं मिल पा रहा लाभ
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की धामी सरकार जहां आत्म निर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रही है वहीं बैंक सरकार की इस मंशा को पलीता लगा रहे हैं। लोगों को आत्म निर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का पात्रों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते सरकारी योजनाओं सिपर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गयी हैं।
केन्द्र और प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। जिसके तहत लोगों को कम ब्याज या बिना ब्याज के ऋण देकर आत्म निर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के लिए भी सरकार ने मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना चलाई है। लेकिन बैंकों की मनमानी के चलते लोगों को इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन की तर्ज पर शुरू की गयी इस योजना के तहत उद्यमिता विकास घटक में बड़े पशुओं, लघु पशुओं तथा कुक्कुट विकास को शामिल किया गया है। जिसके अंतर्गत बैंकों के माध्यम से पात्रों को ऋण उपलब्ध कराकर 90 प्रतिशत ब्याज छूट देने का प्रावधान किया गया है। लाभार्थी द्वारा लिये गये ऋण को बैंक में पुर्नभुगतान की अवधि तीन वर्ष रखी गयी है। योजना को प्रभावी बनाने के लिए ऑफलाईन के साथ ही ऑनलाईन आवेदन की भी व्यवस्था की गयी है। लाभार्थी द्वारा लिये जाने वाले ऋण का भुगतान सरकार द्वारा किया जाना है।
योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए बकायदा जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है। लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को बैंक पलीता लगा रहे हैं। लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति के लिए बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का भी कहना है कि बैंक योजना में सहयोग नहीं कर रहे हैं जिसके चलते लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।।