अपराधियों का गढ़ बना ट्रांजिट कैम्प थाने में भारत सिंह के कमान संभालने के बाद अपराधों का ग्राफ बढ़ा अपराधों को रोकने के बजाय,अपराधों को छिपाने में माहिर है कैम्प पुलिस
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। शहर का ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बन गया है। कैम्प थाने की पुलिस अपराधियों के सामने बौनी साबित हो रही है। जब से थाने की कमान भारत सिंह ने संभाली है तब से न सिर्फ अपराध बढ़ रहे हैं बल्कि पुलिस आपराधिक घटनाओं को छिपाने का काम कर रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन होता है जिस दिन ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में वारदात न हो। चोरी ,लूट, छेड़छाड़ की घटनायें ट्रांजिट कैम्प में आम बात हो गयी है। लेकिन आला अधिकारी भी इस पर मौन साधे हुए हैं।
सिडकुल बनने के बाद ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में बाहर से आकर रहने वाले लोगों की बाढ़ सी गयी है। इन बाहरी लोगों में तमाम अपराधिक किस्म के लोग भी हैं। जनपद ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद कई अपराधी ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र को अपनी शरण स्थली बना रहे हैं। यही वजह है कि ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। कहने को पुलिस समय समय पर सत्यापन अभियान का ढोल पीटती है लेकिन बड़ी आवादी वाले इस क्षेत्र में आज भी हजारों लोग बिना सत्यापन करे रह रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. मंजूनाथ टिसी जहां अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती से पेश आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ट्रांजिट कैम्प पुलिस पर एसएसपी की सख्ती का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है। जब से कैम्प थाने की कमान भारत सिंह के हाथ में आयी है तब से और भी बुरा हाल हो चुका है। अपराधी खुलेआम ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। घरों में चोरी के साथ साथ राह चलते लोगों से लूटपाट, और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनायें आम बात हो चुकी है। यहां रोज कोई न कोई चोरी की घटना सामने आ रही है। इनमें से अधिकांश मामलों में पुलिस मुकदमा भी दर्ज नहीं कर रही है।
चोर गिरोह ट्रांजिट कैम्प थाना क्षेत्र के शिवनगर, कृष्णा कालोनी, आजादनगर, जगतपुरा, फुलसुंगा, लमरा, शिमला बहादुर आदि क्षेत्रों में ंदर्जनों घरों को निशाना बना चुके हैं। ये चोर घरों में छत, मुमटी, या फिर दरवाजा की कुंडी चटकाकर भीतर दाखिल हो जाते हैं और इनका टारगेट घरों में रखे मोबाइल और जेबों में रखी नकदी और अन्य सामान होता है। अधिकाशं मामलों में पीड़ित पुलिस के पास तक ही नहीं जाते। क्यों कि पर्स में रखी नकदी ज्यादातर दो चार हजार से अधिक नहीं होती। ऐसे में लोग नगदी वापस होने की उम्मीद नहीं रखते कोई शिकायत लेकर पुलिस के पास जाता भी है तो पुलिस उलटा उन्हें ही हड़काकर तमाम सवाल पूछने लगती है। जिसके चलते लोग ऐसी घटनाओं को लेकर पुलिस के पास जाने से कतराने लगे हैं। जिन लोगों ंके मोबाइल चोरी होते हैं उनमें से अधिकांश के पास मोबाइल के ईएमईआई नम्बर न होने के चलते भी पुलिस ऐसे मामलों में दिलचस्पी नहीं लेती मोबाइल चोरी ओर लूट की घटनाओं को पुलिस घटना ही नहीं मानती और मोबाइल चोरी की घटनाओं को ज्यादातर मोबाइल खोने की घटना में दर्ज किया जाता है। ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में रोज कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ रहा है लेकिन थाना पुलिस इन मामलों को लेकर गंभीर नहीं है। पुलिस ऐसे मामलों में पीड़ित की ही गलती बताकर उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करने की हिदायत देती है। पुलिस की इस कार्यप्रणाली से अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं।
ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए ही पिछले दिनों विधायक शिव अरोरा ने अपनी विधायक निधि से ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में बड़ी संख्या में सीसी कैमरे लगववाये थे लेकिन इसके बावजूद पुलिस अपराधिक तत्वों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। ट्रांजिट कैम्प थाना क्षेत्र नशे के अवैध कारोबार का भी गढ़ बना हुआ है। यहां की घनी आबादी वाली बस्तियों में खुलेआम जहरीली कच्ची शराब, स्मैक, चरस, अफीम गांजा बिक रहा है। कई बार लोगो ने नशे के खिलाफ आवाज भी उठाई है लेकिन पुलिस की ढिलाई के चलते नशा माफिया लोगों को डरा धमकाकर चुप करा दते हैं।
एक माह बाद भी चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं
रुद्रपुर। पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय घटनाओं को दर्ज करने में भी कतरा रही है। 15जून को हुई चोरी की एक घटना को पुलिस ने अभी तक दर्ज नहीं किया है। शिमला बहादुर क्षेत्र में स्क्रैप का काम करने वाले ओमप्रकाश गंगवार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 15 जून को दिन दहाड़े उसके स्क्रैप गोदाम में एक चोर घुसा और उसने पचास हजार की नगदी चोरी कर ली घटना की तहरीर के साथ साथ थानाध्यक्ष का बकायदा घटना की वीडियो फुटेज की दी गयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की पीड़ित ने एसएसपी कार्यालय में भी तहरीर दी लेकिन अभी तक मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है।।