आखिर कब होगा माया ज्वैलर्स डकैती कांड का खुलासा, एक साल बाद भी पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में नाकाम।
अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। ट्रांजिट कैम्प थाना क्षेत्र के वार्ड एक फुलसुंगा में एक साल पहले माया ज्वैलर्स डकैती कांड का पुलिस अब तक खुलासा नहीं कर पायी है। पुलिस ने अब इस केस को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
इस सनसनीखेज काण्ड का खुलासा करना तो दूर पुलिस ने इस घटना से कोई सबक भी नहीं लिया जिसका नतीजा बीते दिनों घर में घुसकर दोहरे हत्याकाण्ड के रूप में सामने आया।
ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र लम्बे समय से अपराधियों की शरणस्थली बना हुआ है। सिडकुल बनने के बाद ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र की आबादी में कई गुना वृद्धि हुयी है इनमें अधिकांश लोग यूपी बिहार सहित अन्य राज्यों के हैं।
घनी आबादी होने के कारण कई अपराधी किस्म के लोग भी इस क्षेत्र को अपनी शरण स्थली बना रहे हैं। ट्रांजिट कैम्प थाना पुलिस इस क्षेत्र को अपराधियों का गढ़ बनने से रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
शायद ही कोई ऐसा दिन जाता है जिस दिन ट्रांजिट कैम्प में वारदात नहीं होती है। ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में रहने वाले आपराधिक तत्व शहर के साथ-साथ दूसरे इलाकों में भी वारदात को अंजाम देने में पीछे नहीं है।
ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में राह चलते लोगों से लूटपाट, चोरी, बलात्कार, बहला फुसलाकर युवतियों या किशोरियों को भगा ले जाना आम बात हो चुकी है। कई मामले तो पुलिस की चौखट तक नहीं पहुंच पाते और कई मामलों को पुलिस थाने आने के बाद भी दबा देती है।
पुलिस की इसी कार्यशैली का परिणाम बीते दिनों दोहरे हत्याकाण्ड के रूप में सामने आया जिसमें राजकमल नाम के शख्स ने शिवनगर में आधी रात को घर में घुसकर दंपत्ति संजय और सोनाली को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया।
संजय की सास को चाकू मारकर घायल कर दिया इस दोहरे हत्याकाण्ड के एकमात्र आरोपी को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है।
कुछ इसी तरह की सनसनीखेज घटना एक साल पहले भी वार्ड नंबर एक फुलसुंगा में भी हुई थी हालाकि इस घटना का मकसद डकैती था जिसमें बदमाश कामयाब भी हो गये लेकिन बदमाशों के हमले में घायल महिला का अभी तक उपचार चल रहा है।
6 जून 2022 को बेखौफ बदमाशों ने आनंद बिहार कालोनी के पास स्थित माया ज्वैलर्स के स्वामी राहुल वर्मा के घर में धावा बोला राहुल वर्मा की पत्नी अंकिता को बदमाशों ने धारदार हथियारों से बेरहमी से पीटकर घायल कर दिया।
गृह स्वामी ने किसी तरह अपनी जान बचायी बदमाश घर से लाखों के जेवर और लूटकर ले गये थे पुलिस इस मामले का अभी तक खुलासा नहीं कर पायी है।
मामले को अब पुलिस ठंडे बस्ते में डाल चुकी है। बदमाशों के हमले में घायल अंकिता का अभी तक उपचार चल रहा है।
पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर है। पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री, डीआई, आईजी, एसएसपी और विधायक से भी गुहार लगायी लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकल पाया है।
चालान और वसूली फर फोकस
रूद्रपुर। ट्रांजिट कैम्प पुलिस का ध्यान अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाय चालान और वसूली पर ज्यादा है। यही वजह है कि घटना घटना के बाद पुलिस लकीर पीटती नजर आती है।
ट्रांजिट कैम्प पुलिस पर शराब माफियाओं और नशे के सौदागरों से सांठ गांठ के आरोप आये दिन लगते रहे हैं। कई बार स्थानीय लोग इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
लोगों का कहना है कि ट्रांजिट कैम्प पुलिस का पूरा फोकस चालान और वसूली पर रहता है। ऐसा लगता है जैसे पुलिस को कानून व्यवस्था के लिए नहीं बल्कि सड़कों पर चालान काटने के लिए ही तैनात किया गया हो।
सुबह हो शाम पुलिसकर्मी किसी भी मार्ग पर दोपहिया वाहन चालकों को रोककर चालान काटती नजर आती है। कई बार तो पुलिस लोगों को बेवजह ही परेशान करती नजर आती है।
बताया जाता है कि ट्रांजिट कैम्प थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फुलसुंगा फुलसुंगी क्षेत्र में आने वाले खनन वाहनों से भी वसूली का खेल खूब चल रहा है। लेकिन पुलिस के आला अधिकारी खामोश हैं।
दक्ष चौक बना अराजकता का अड्डा
रूद्रपुर। ट्रांजिट कैम्प थाना क्षेत्र में गंगापुर रोड पर पड़ने वाला दक्ष चौक इन दिनों अराजकता का अड्डा बना हुआ है। जब से इस स्थान पर शराब का ठेका खुला है तभी से ही चौक पर शाम ढलते ही अराजकता नजर आती है।
हालाकि शाम को पुलिस यहां पर अकसर दोपहिया वाहनों के चालान काटती नजर आती है। दोपहिया वाहनों को चेकिंग के नाम पर रोका जाता है जिससे चौक पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।
वसूली के चक्कर में कई बार तो पुलिस चौक के आस पास स्थित दुकानों के बाहर खड़ी बाईकों का भी चालान काटने लगी है। कई बार इसे लेकर पुलिस के साथ लोगों की नोंक झोंक भी हो चुकी है।
शाम ढलते ही दक्ष चौक का पूरा इलाका अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ नजर आता है। शराब का ठेका पास में ही खुलने से दक्ष चौक पर शराबियां का जमावड़ा रहता है।
ढाबों के साथ-साथ सड़क पर भी खुलेआम जाम छलकते हैं जिससे हमेशा माहौल खराब होने की आशंका बनी रहती है।
शराब की दुकान के बाहर और आस पास स्थित ढाबों और दुकानों के बाहर सड़क तक वाहनों को खड़ा करने से अकसर चौक पर जाम की स्थिति रहती है लेकिन पुलिस इनकी तरफ ध्यान नहीं देती।।