विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वालों का गढ़ बना उधमसिंह नगर, विदेश में मोटी कमाई का झांसा देकर लूट रहे खून पसीने की कमाई।
सौरभ गंगवार
रुद्रपुर। तराई का उधम सिंह नगर जनपद विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वालों का गढ़ बन गया है। इनके जंजाल में फंसकर तमाम लोग अपनी लाखों की खून पसीने की कमाई गंवा चुके हैं। पुलिस प्रशासन भी फर्जीवाड़े में लिप्त ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्ती से कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है।
पिछले कुछ समय से युवाओं में विदेश में नौकरी और पढ़ाई के लिए जाने का क्रेज लगातार बढ़ा हैं। अंग्रेजी माध्यम के बड़े बड़े स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश युवा इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद विदेश में जाने को आतुर हैं। इसी का फायदा विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले कई संस्थान उठा रहे हैं।
उधमसिंह नगर में बीते कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में युवा विदेश में नौकरी और पढ़ाई के लिए गये हैं लेकिन कई युवाओं का सपना शातिर ठगों की वजह से पूरा नहीं हो पाया है। हाल ही के वर्षों में विदेश भेजने के नाम पर ठगी के कई मामले जनपद में सामने आ चुके हैं।
ऐसे मामलों में पुलिस भी कोई खास कार्रवाई नहीं कर पा रही विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के अधिकांश मामले न्यायालय की शरण लेने के बाद ही दर्ज हो पाते हैं। ठगी के मामलों में सीधे पुलिस के पास जाने वाले अधिकांश लोगों को निराशा ही हाथ लगती है। मजबूर होकर पीड़ित को न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। इसके बाद न्यायालय के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ता है।
दरअसल विदेश भेजने के नाम पर ठगी स्थानीय स्तर तक ही सीमित नहीं है। कबूतरबाजी का धंधा विदेशों तक फैला है। कुछ लोग रोजगार के लिए विदेश जाने से पहले तो कुछ लोग विदेश पहुंचने के बाद ठगे जा रहे हैं।
कथित कंपनियां खोलकर जो लोग जिस काम का वीजा दिलाते हैं, विदेश पहुंचकर वहा काम नहीं मिलता। उन्हें ऐसा काम करने को मजबूर किया जाता है कि वे आसानी से अपने देश भी नहीं पाते लाखों की ठगी करने वाले कुछ संस्थान युवाओं को विदेशों में जॉब दिलाने का सपना दिखाते है।
भरोसा दिलाने के लिए कुछ ऐसे लोगों से भी मिलवाया जाता है, जिनको वह शख्स कथित तौर पर जॉब दिलवा चुका है। पेमेंट फौरन करने के लिए यह मनोवैज्ञानिक दबाव भी डाला जाता है अमूमन लोग इस जाल में फंस जाते हैं और पेमेंट कर बैठते हैं।
जब उन्हें सच्चाई का पता चलता है तो तब तक देर हो चुकी होती है। रकम वापस मांगने पर उक्त लोग दबंगई दिखाने में भी पीछे नहीं हटते और पीड़ित को जान से मारने तक की धमकी दी जाती है। उधम सिंह नगर में विदेश भेजने वाले संस्थानों की इन दिनों बाढ़ सी आ गयी है। हाल ही में मीडिया ने जब कबूतरबाजों की पोल खोली तो अब ऐसे संस्थानों के संचालकों की नींद उड़ गयी है। प्रशासन उनके खिलाफ कोई एक्शन ना लें इसके लिए बकायदा इन संस्थानों ने अपनी एक संस्था बना ली है।
करोड़ों में खेलने वाले ये संस्थान प्रशासन को दबाव में लेने के साथ साथ मीडिया को भी चुप रहने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। दरअसल इन्हें डर सता रहा है कि मीडिया अगर इनकी पोल खोलता रहा तो इनकी दुकानें चलनी बंद हो सकती है। जिले में वर्तमान में 300 से ज्यादा ऐसे संस्थान चल रहे हैं जिनमें युवाओं को विदेश भेजकर लाखों की कमाई के सपने दिखाये जा रहे हैं।
इनमें से ज्यादातर संचालक पंजाब और दिल्ली के रहने वाले हैं। कई तो ऐसे हैं जिन पर मुकदमे भी चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पंजाब सरकार की सख्ती के बाद ये लोग उत्तराखंड के तराई की तरफ रुख कर गए हैं। पुलिस के खुफिया विभाग की भी इन्हें मूक स्वीकृति मिली हुई है। जिसके चलते इनके कई ऐसे काम हो रहे हैं,जो नहीं होने चाहिए है।।