Friday, October 18, 2024
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ऊधम सिंह नगर

खनन माफिया लगा रहे सरकार को करोड़ों का चूना, दबंग माफियाओं के आगे पुलिस प्रशासन बेबस

सौरभ गंगवार :- भाग.1

रूद्रपुर। जिले में स्टोन क्रेशरों की आड़ में चल रहे खनन के खेल से सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। प्रशासन इन माफियाओं पर सख्ती तो दिखाता है लेकिन उंची पहुंच और रूतबे के चलते प्रशासन इनके आगे बेबस साबित हो रहा है। जिले में खनन का कारोबार हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। खनन के काम में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से लेकर राजनैतिक हस्तियां भी हाथ आजमाती रही है। जिले में चल रहे अधिकांश स्टोन क्रेशर प्रभावशाली लोगों के हैं। इनमें कई दबंग किस्म के हैं तो कई लोगों की उंची राजनैतिक पहुंच है। स्टोन क्रेशरों की आड़ में अवैध खनन का खेल भी खुलेआम चलता है। यही नहीं तमाम नियमों की अनदेखी भी की जाती है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद स्टोन क्रेशरों ने ओवर लोड डम्पर खनन सामग्री लेकर सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे हैं। स्टोन क्रेशरों की आड़ में न सिर्फ अवैध खनन को अंजाम दिया जाता है बल्कि सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जाता है। कई बार स्टोन क्रेशरों के खिलाफ खनन विभाग सख्ती से एक्शन लेता है मगर उंची पहुंच के चलते क्रेशर स्वामी कार्रवाई से बचत जाते हैं।

स्टोन क्रेशरों में चल रही मनमानी के खिलाफ कई बार चलाये गये अभियान में खनन विभाग की ओर से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध खनन,भंडारण और परिवहन की जांच की गयी तो जिले भर में कई ाक स्टोन क्रेशरों रात्रि में अवैध रूप से उप खनिज खरीदे जाने के साथ ही अनियमितताओं के मामले पकड़े गये। कई बार स्टोन क्रेशरों को सीज करने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। प्रशासन समय समय पर खनन कार्य की समीक्षा करने के साथ साथ इसमें गोलमाल करने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाता है लेकिन उंची पहुंच के चलते खनन माफिया फिर से मनमानी करने लगते हैं। खनन माफियाओं की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई स्टोन क्रेशरों ने जुर्माना तक जमा नहीं किया है। अवैध खनन से जहां सरकार को राजस्व की क्षति पहुंच रही है वहीं खनन व्यवसाय में वर्चस्व की जंग के चलते आपराधिक घटनाएं भी बढ़ी है। खनन को लेकर आये दिन खूनी खेल आम बात हो गयी है। खनन को लेकर वर्चस्व की जंग पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो रही है। जिले में पिछले कुछ वर्षों से हो रही हत्याओं के पीछे खनन कारोबार एक बड़ा कारण बनकर उभर रहा है। खनन को लेकर वर्चस्व की जंग को रोकने में पुलिस प्रशासन असहाय साबित हो रहा है इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि खनन कारोबार में प्रभावशाली से लोगों से सफेदपोशों की घुसपैठ है। जिले में खनन माफियाओं के विदेशों में भी कनेक्शन सामने आ चुके हैं। इस कारोबार को लेकर जिले में कई बड़ी वारदातें सामने आ चुकी है। खनन में वर्चस्व की जंग को लेकर अंदरखाने कई लोगों के बीच आपसी रंजिश कब खूनी रूप ले ले इसका अंदाजा किसी को नहीं होता। छोटी मोटी वारदातें होना तो आम बात है। आए दिन खनन को लेकर हथियार लेकर लोग आमने-सामने होते हैं। उसके बाद किसी की गोद सुनी होती है। किसी का सुहाग उजड़ता है। फिर यह रंजिश आने वाली पीढ़ियों तक जिंदा रहती है। पिछले वर्ष काशीपुर में खनन की रंजिश के चलते चौबीस घंटे के भीतर दो हत्याओं हुई थी। कुण्डा थाना क्षेत्र के भरतपुर में ज्येष्ठ उप प्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर की हत्या के पीछे मुख्य वजह खनन ही रही थी। यह मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था। काशीपुर का चर्चित महल सिंह हत्याकाण्ड भी खनन को लेकर वर्चस्व का ही नतीता था। इस हत्याकाण्ड के मास्टर माइंड ने कनाडा में रहते हुए पूरी घटना को अंजाम दिया था।

खनन को लेकर बढ़ रहा माफिया कल्चर पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है। खनन को लेकर वर्चस्व की जंग में कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। खनन का खेल इतना खतरनाक साबित हो रहा है कि अपराधी कैबिनेट मंत्री तक को मारने की साजिश से रच चुके हैं। पिछले वर्ष कैबिनेट मंत्री एवं सितारगंज के विधायक सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश भी खनन माफियाओं द्वारा रची गयी थी। इस साजिश को कुछ लोगों की तत्परता से नाकाम कर दिया गया था। खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि आये दिन पुलिस और वन विभाग पर हमले से भी पीछे नहीं हटते। अवैध खनन के खेल में आधिपत्य की जंग प्रमुख होती है। इसीलिए खनन माफिया बड़ी से बड़ी वारदात को अंजाम देने में जरा भी नहीं हिचकते। माफियाओं की पहुंच के चलते कई जगह पुलिस भी नतमस्तक नजर जाती है। यही वजह है पिछले दो दशक में खनन के वर्चस्व को लेकर दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

वर्तमान में काशीपुर, बाजपुर, केलाखेड़ा, गदरपुर, किच्छा सितारगंज, शक्तिफार्म क्षेत्र अवैध खनन के गढ़ बने हुए हैं। पता चला है कि केलाखेड़ा रिजवान नाम का व्यक्ति सरकारी जगह पर खुलेआम खनन कर रहा है। लेकिन खनन विभाग उसके सामने नतमस्तक नजर आ रहा है। बताया जाता है कि खनन माफिया रिजवान पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस भी उसके सामने बेबस नजर आती है, केलाखेड़ा पुलिस चौकी के प्रभारी भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने मंे नाकाम साबित हो रहे हैं। बताया जाता है कि जिले मेें केलाखेड़ा सहित कई जगहों पर अवैध खनन पुलिस के संरक्षण में चल रहा है।

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