डीएम उदय राज ने कार्यशैली से बनाई अलग पहचान अब लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक निपटाने की चुनौति सरल और सहज कार्यशैली से जीता लोगों का दिल
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी आईएएस उदय राज सिंह जनपदवासियों के लिए मसीहा साबित हो रहे हैं। उन्होंने अपनी कार्यशैली से जहां जनता के बीच अलग छवि बनाई है वहीं कई गंभीर समस्याओं के समाधान से जिले की तस्वीर बदलने का भी काम किया है। बीते साल जिले में प्रशासनिक व्यवस्था को बखूबी संभालने के बाद अब उनके सामने आगामी लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने की चुनौती है जिसके लिए उन्होंने कमर कस ली है और प्रशासन को चुनाव की तैयारियों के लिए अलर्ट कर दिया है।
मूल रूप से इलाहाबाद निवासी डीएम उदय राज सिंह के लम्बे प्रशासनिक अनुभव और सूझ बूझ वाली कार्यशैली को देखते हुए ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अपने गृह जनपद में तैनात किया था जनपद में तैनाती के बाद से ही डीएम उदय राज सिंह अपनी कार्यशैली से लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। उनकी कार्यशैली से जिले में कई समस्याओं का समाधान हुआ है और कई जटिल मुद्दों के हल होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। डीएम उदयराज सिंह 2018 से उत्तराखण्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभिन्न प्रशासनिक दायित्वों को उन्होंने बखूबी निभाया है। शासन में उनकी गिनती अनुभवी और सरल स्वभाव वाले प्रशासनिक अधिकारी की रही है। इससे पहले वह नमामि गंगे में अपर सचिव का दायित्व भी संभाल चुके हैं। उन्होंने अपनी सरल और स्वच्छ कार्यशैली से एक अलग पहचान बनायी है। उनका अब तक का कार्यकाल निर्विवाद और सराहनीय रहा है।
उनके अनुभवों का लाभ अब उधम सिंह नगर जनपद को मिल रहा है। उन्होंने अपनी कार्यशैली से न सिर्फ मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम किया है बल्कि जनपदवासियों को भी प्रभावित कर दिया है। जिलाधिकारी उदयराज के इस जनपद में कार्यभार संभालते ही मानसून शुरू हो गया था जिसके चलते उन्होंने तुरंत बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया पूरे जिले में वह आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते रहे आपदा को देखते हुए उन्होंने पूरे प्रशासनिक अमले को अलर्ट पर रखा था जिसका नतीजा यह हुआ है कि जिले में बीते मानसून में पूर्व की अपेक्षा कम हुआ।
जिलाधिकारी ने कार्यभार संभालने के बाद से ही रूद्रपुर के नजूल भूमि के मुद्दे के समाधान के लिए भी प्रयास शुरू किये थे जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है। वर्तमान में पचास वर्ग मीटर तक की भूमि के फ्रीहोल्ड की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा अन्य लोगों को भी नजूल पर मालिकाना हक के लिए जिलाधिकारी अपने स्तर से प्रयासरत हैं, यह मामला फिलहाल शासन स्तर पर विचाराधीन है। बाजपुर के बहुचर्चित भूमिधरी के मामले में भी लोगों को राहत दिलाने के लिए जिलाधिकारी लगातार प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले दिनों जिलाधिकारी ने पूरी पत्रावलियां तैयार करा ली थी लेकिन कोर्ट में अड़चन आने के बाद मामला नहीं सुलझ पाया अब जिलाधिकारी के निर्देश पर नये सिरे से पूरे मामले की समीक्षा करके पत्रावलियां तैयार की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भूमिधरी के मामले में सर्वमान्य हल निकल जायेगा जिलाधिकारी उदय राज सिंह जहां लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कस रहे हैं तो वहीं जनता के लिए वह मसीहा साबित हो रहे हैं। खासकर गरीब जरूरतमंदों की परवाह वह जरूर करते हैं। शीत लहर को देखते हुए बीते दिनों रात में ही जिलाधिकारी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंच गये उन्होंने अलाव की व्यवस्था देखने के साथ ही रैन बसेंरों में भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया और व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश दिये कुल मिलाकर जिलाधिकारी उदय राज की कार्यशैली की वजह से आज उनकी गिनती ईमानदार और त्वरित फैसले लेने वाले अधिकारी के तौर पर होती है।
जिलाधिकारी उदय राज के सामने अब नये साल में लोकसभा और निकाय चुनाव कराने की चुनौती है। हालाकि 2024 में उनका रिटायरमेंट भी है। लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव की तैयारियों को लेकर डीएम अब तक कई बैठकें ले चुके हैं और अधिकारियों को उन्होंने जिम्मेवारियां भी सौंप दी है।।