कायदों पर भारी पड़ रहे सरकारी सेवक रूद्रपुर डिग्री कालेज में वर्षों से एक ही जगह कुंडली मारे हैं कई प्राध्यापक शिक्षण कार्य में हो रही मनमानी,
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। उच्च शिक्षा विभाग में तैनात प्राध्यापक और कई कर्मचारी वर्षों से एक ही जगह कुंडली मारकर बैठे हैं। विभाग उनको नहीं हटा पा रहा है। उनके सामने सारे कायदे-कानून बौने साबित हो रहे हैं। कोई 10 वर्षों से टस से मस नहीं हुआ, तो कोई 15 साल से एक ही स्थान पर जमा हुआ है। इससे न सिर्फ मनमानी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि शिक्षण जैसा महत्वपूर्ण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।
कार्मिकविभाग ने सरकारी सेवकों के लिए नियम बनाया है। इसके अनुसार कोई भी सरकारी सेवक एक स्थान पर पदस्थापित नहीं रह सकता है। तीन या पांच साल पर उनका तबादला कर दिया जाना चाहिए शिक्षा विभाग में तीन वर्ष तक दुर्गम क्षेत्र में तैनाती अनिवार्य की गयी है। कोई भी प्राध्यापक या कर्मचारी सुगम क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समयावधि तक तैनात नहीं रह सकता है। लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कार्मिक विभाग लम्बे समय से एक ही स्थान पर जमे प्राध्यापकों के तबादला करने का निर्देश जारी करता है, लेकिन सैटिंग करके तबादला रूकवा दिया जाता है। दरअसल लम्बे समय से एक स्थान पर जमे प्राध्यापक और कर्मचारियों का उच्च अफसरों से जबरदस्त तालमेल है। इसकी बदौलत उनका या तो तबादला नहीं होता। आदेश निकलता भी है तो दबा दिया जाता है। विभाग के अफसरों से सांठगांठ के चलते वे एक ही जगह पर डटकर नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कई मामले ऐसे भी आए, जिसमें तबादला आदेश जारी होने से पहले ही नाम हटवाने में कामयाब हो जाते हैं।
लंबे समय तक एक ही स्थान में पदस्थ होने की वजह से शिक्षण कार्य में भी बड़ी लापरवाही हो रही है, साथ ही साथ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दीमक बढ़ रहा है। लेकिन उच्चाधिकारी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इन सबसे जानबूझकर अनजान बने हुए हैं। हालत ये है कि वर्षाे से एक ही जगह जमे प्राध्यापक और कर्मचारी शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। साथ ही साथ अपनी राजनीतिक पहुंच का परिचय दे रहे हैं जो अपनी राजनीति पकड़ के चलते वर्षों से पदस्थ होकर जमकर चांदी काट रहे है।
रूद्रपुर डिग्री कालेज में कई ऐसे चेहरे हैं जो यहां दस वर्षों से अधिक समय से काबिज हैं। इनकी सूची पर नजर डालें तो कामर्स संकाय के प्राध्यापक प्रो. पीएन तिवारी वर्ष 2009 से यहां तैनात है उन्हें अब 14 वर्ष रूद्रपुर डिग्री कालेज में हो चुके हैं। इसी तरह अर्थशास्त्र की प्राध्यापक प्रो. रेनू रानी 2008 से यहां जमी हुयी है। उन्हें 15 वर्ष यहां पर हो चुके हैं। इतिहास के प्राध्यापक डा. नरेश कुमार 2012 से रूद्रपुर में तैनात हैं। समाजशास्त्र के डा. अचलेश कुमार 2012 से यहां कुडली मारे हुए हैं। इसी तरह भूगोल की प्राध्यापक डा. कमला बोरा भी 2012 से यहां जमी हुयी हैं। मठाधीश बन चुके इन सरकारी सेवकों पर आखिर कब चाबुक चलेगा इसका जवाब किसी के पास नही हैं। ऐसे सरकारी सेवक जहां नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं वहीं इनकी वजह से शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है।