नगर निगम की सुस्ती के चलते रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के आगे खुला नाला दे रहा जनस्वास्थ्य आपदा को दस्तक
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
– मानसून का सीजन नजदीक,बावजूद मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के आगे का नाला अभी तक नहीं हुआ साफ
–बाहर दुर्गंध आने से लोगों को आवाजाही में उठानी पड़ रही परेशानी,बरसातों में जलभराव की भी आशंका बनी
– जबकि पूर्व में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ हुई बैठक में मेयर ने शीघ्र ही समस्या का स्थाई समाधान करने का दिया था आश्वासन
–मेडिकल कॉलेज के बाहर खुले नाले की दुर्गंध शहर के प्रशासनिक चरित्र पर भी उठा रही सवाल
रुद्रपुर। शहर में ‘स्वच्छता’ के नाम पर दावे तो खूब किए जाते हैं,लेकिन ज़मीनी हकीकत नैनीताल मार्ग स्थित पंडित राम सुमेर राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाहर बदबू मारते खुले नाले में साफ देखी जा सकती है। मानसून का सीजन सिर पर है, मगर नगर निगम के मुखिया और उनकी पूरी टीम अब तक फाइलों में सफाई ढूंढ रहे हैं। जबकि पंडित राम सुमेर राजकीय मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट के सामने का नाला महीनों से अवरुद्ध है। नाले से उठ रही तेज़ दुर्गंध से मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीज,स्टाफ और राहगीर परेशान हैं। निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण मेडिकल कॉलेज आने वाले मरीजों के साथ स्टाफ आदि अन्य लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
शुक्रवार को जब स्थिति असहनीय हो गई तब कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केदार सिंह शाही को स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करना पड़ा उन्होंने नाले की गंदगी,अवरुद्ध बहाव और उससे उठ रही तीव्र बदबू को लेकर गंभीरता से लेते हुए निगम के अधिकारियों को बरसात से पूर्व इसकी सफाई अविलंब कराई जाने के लिए पत्र लिखा।
डॉ. शाही ने बताया कि, “बरसात से पहले नगर निगम को प्राथमिकता से शहर की प्रमुख नदी नालों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। ताकि बरसात के मौसम में जल भराव की स्थिति से बचा जा सके l लेकिन लंबे समय से मेडिकल कॉलेज के आगे खुले नाले की सफाई नहीं होने के कारण यहां आने वाले मरीजों व स्टाफ को नाले से उठ रही दुर्गंध और गंदगी के कारण असुविधा हो रही है। स्थिति समय रहते नहीं सुधारी गई तो बरसात के दौरान नाले का पानी सड़क पर फैल सकता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। प्राचार्य डॉ. शाही ने नगर निगम प्रशासन से अपील की है कि समय रहते जरूरी कदम उठाए जाएं, ताकि मानसून में किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी आपदा से बचा जा सके।
समस्या को लेकर पूर्व में भी मेयर को कराया था अवगत
बता दें कि पूर्व में भी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की ओर से मेडिकल कॉलेज के गेट के आगे खुले नाले की समस्या का स्थाई समाधान करने के विषय पर नगर निगम महापौर के साथ बैठक की गई थी, जिसमें नाले की सफाई उसे समुचित रूप से ढकने और इसके सुचारु प्रवाह के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की सहमति बनी थी। जिस पर महापौर ने भी इस पर हामी भरी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई धरातल पर नहीं दिख रही।
नगर निगम की उदासीनता के चलते खुद नाले की सफाई के लिए कॉलेज प्रशासन को होना पड़ रहा मजबूर
मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के पास खुले नाले में लंबे समय से गंदगी और कचरे का अंबार लगा है, जिससे बदबू और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस गंभीर समस्या के बावजूद नगर निगम आंखें मूंदे बैठा है। शिकायतों के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने पर समय-समय पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मजबूरी में अपने ही सफाई कर्मचारियों से इस नाले की सफाई करवानी करनी पड़ती है, जिससे यहां आने वाले मरीजों, उनके तीमारदारों और कॉलेज कर्मियों को दिक्कतों का सामना नहीं पड़ रहा है। लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम केवल कागजों में सक्रिय है, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। मेडिकल कॉलेज जैसे संवेदनशील संस्थान के आसपास गंदगी का यह आलम नगर निगम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।।