गर्मियों से पहले जल संकट से निपटने के लिए एक्शन में सीएम धामी, जिलाधिकारियों संग की गहन समीक्षा बैठक
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
रुद्रपुर। उत्तराखण्ड के मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर राज्य में ग्रीष्मकाल के दौरान संभावित पेयजल संकट को लेकर विस्तृत समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग के अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि इस वर्ष अत्यधिक गर्मी पड़ने की संभावना है, जिससे जल स्रोतों पर दबाव बढ़ेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में संभावित जल संकट वाले क्षेत्रों की पहचान करें और समय रहते वैकल्पिक पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि कई जल स्रोत पहले ही सूख चुके हैं और कुछ इस वर्ष भी सूख सकते हैं, इसलिए जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे “स्प्रिंग शेड” और “रिवर रीजुवेनेशन एजेंसी (सारा)” के साथ समन्वय स्थापित कर सूखे स्रोतों के पुनर्जिवीकरण की कार्ययोजना तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की शहरी क्षेत्रों में धीमी प्रगति पर चिंता जताई और इसे तेज़ करने के निर्देश दिए। मल्टी-विलेज स्कीम के तहत सभी गांवों तक शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, पाइपलाइन लीकेज की मरम्मत शीघ्र पूर्ण करने तथा घोड़े-खच्चर से जल आपूर्ति वाले क्षेत्रों के लिए स्थाई ढांचा विकसित करने की योजना बनाने पर भी बल दिया गया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल स्रोतों का स्थलीय निरीक्षण करें तथा हर गांव में पाइपलाइन से जलापूर्ति योजनाओं में तेजी लाएं। साथ ही सीवर लाइनों में लीकेज रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में वाटर कमेटी का गठन कर पेयजल निगरानी की व्यवस्था को सुदृढ़ करने को कहा। उन्होंने बड़े स्तर पर पौधारोपण की भी योजना बनाने की बात कही, जिससे वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा दिया जा सके बैठक में सीडीओ मनीष कुमार, अधिशासी अभियंता सुधीर कुमार, शिवम द्विवेदी, सुनील जोशी, पीएन चौधरी, तरुण शर्मा , अजय कुमार आदि मौजूद रहे।
रूद्रपुर की तैयारियों से संतुष्ट हुए मुख्यमंत्री
बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि जनपद में लगभग 13,000 नलकूपों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश सुचारु हैं। शेष को भी शीघ्र सुचारु कर दिया जाएगा।
जसपुर एवं काशीपुर में ‘सारा’ के माध्यम से भूजल रिचार्ज के प्रभावी कार्य हो रहे हैं। इसके साथ ही ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई पर लगी रोक के चलते भूजल स्तर में सुधार हो रहा है, जिसका सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जनपद में 97% कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि शहरी निकायों से जुड़े 645 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि जनपद में बने कई बड़े जलाशयों में डी-सिल्टिंग की आवश्यकता है। प्रस्तावित जमरानी बांध को हरिपुरा जलाशय से जोड़ने की योजना के दृष्टिगत, हरिपुरा जलाशय की डी-सिल्टिंग कार्यवाही प्राथमिकता में है, जिससे जल भंडारण क्षमता बढ़ेगी और जनपद को लाभ मिलेगा।।