एक ही मार्ग पर दो द्वार बनने से गरमाई सियासत सरकारी धन का दुरूपयोग पर ग्रामीणों में रोष
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
रुद्रपुर। निकटवर्ती ग्राम प्रतापपुर में एक ही मार्ग पर दो प्रवेश द्वार बनाये जाने से सियासत गरमा गयी है। लाखों रूपये के सरकारी धन के दुरूपयोग के इस मामले को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल राजनैतिक लाभ के लिए मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर ही एक नया प्रवेश द्वार बना दिया गया है जिसे लेकर लोग हैरान हैं।
जानकारी के अनुसार प्रतापुर में किसान नेता एवं समाजसेवी स्व. यशवंत मिश्रा के नाम से वर्ष 2021-22 में विधायक निधि द्वारा किसान संघ के प्रस्ताव पर एक स्मृति द्वार बनाया गया था। यशवंत मिश्रा पूर्वांचल-का-प्रमुख चेहरा रहे थे। उन्होंने डिग्री-कॉलेज से ही छात्र राजनीति की शुरुआत की,1985 में वे युवक मंगल दल में सक्रिय रहे अपना पूरा जीवन आम जन मानस व किसान हितों को समर्पित करन के साथ वह भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे। किसान बन्धू की बैठक को दिशा देने व सुचारू रुप से चलाने का भी श्रेय उन्हें जाता हैं। वे 2010-2011 राज्य बीज संस्था के सदस्य रहे। 2011-2015 जिला आत्मा परीयोजना के अध्यक्ष पद पर रहे। 2016 में उनका निधन हो गया था जिसके पश्चात उनकी स्मृति में गांव में स्मृति द्वार का निर्माणा विधायक राजेश शुक्ला ने करवाया था।
अब मौजूदा विधायक ने अपनी विधाायक निधि इसी मार्ग पर पूर्व के स्मृति द्वार से मात्र करीब 200 मीटर पहले एक और द्वार का निर्माण करा दिया है, जिसका शुक्रवार को लोकार्पण भी कर दिया गया है। इस द्वार के निर्माण को लेकर सियासत गरमा गयी है। स्व. यशवंत मिश्रा आ परिवार और उनके करीबियों के साथ ही तमाम ग्रामीण नये द्वार के निर्माण से आहत हैं। उनका कहना है कि सियासी लाभ के लिए नया द्वार बनाया गया है। यह न सिर्फ सरकारी धन का दुरूपयोग है बल्कि दिवंगत किसान नेता को अपमानित करने का प्रयास भी है। ग्रामीणों का कहना है कि गेट निर्माण के पीछे पीछे राजनीतिक द्वेष साफ झलक रहा है, इसमें कहीं भी ग्रामीणों का हित नजर नहीं आता।
इस मामले में स्व. यशवंत मिश्रा के पुत्र का का कहना है कि राजनैतिक द्वेष की भावना के चलते द्वार का निर्माण किया गया है। जो नया द्वार बना है उससे पहले तीन किमी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से बकायदा स्मारक बना हुआ है, इसके बावजूद नया द्वार बनाकर माहौल खराब करने की कोशिश की गयी है।।