Saturday, July 27, 2024
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ऊधम सिंह नगर

मोदी की रैली में नहीं जुट पाई पहले जैसी भीड़ एक लाख की भीड़ जुटाने के दावों निकली हवा 25 हजार का आंकड़ा पूरा नहीं कर पाये भाजपाई

सौरभ गंगवार

रूद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजय शंखनाद रैली इस बार पहले जैसी भीड़ नहीं खींच पाई इसके पीछे कारण जो भी रहे हों लेकिन भाजपा नेताओं के एक लाख की भीड़ जुटाने के दावों की हवा निकल गयी मोदी की पिछली रैलियों में मोदी मैदान में पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी इस बार मोदी मैदान का एक हिस्सा खाली नजर आ रहा था, जिससे भाजपा के खेमे में अंदरखाने बेचैनी साफ नजर आ रही है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूद्रपुर में इस बार पांचवी रैली थी इस रैली की तैयारी के लिए भाजपाईयों को सिर्फ पांच दिन मिले थे, रैली की तैयारियों के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी स्वयं मुख्यमंत्री इस रैली की तैयारियों के लिए रूद्रपुर में डेरा डाले हुए थे उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर रैली में भारी भीड़ जुटाने के लिए रणनीति तैयार की थी और इस बैठक में रैली के लिए एक लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया था हर विधानसभा क्षेत्र से पचास बसों की व्यवस्था करने का दावा किया गया लेकिन रैली में भाजपा के इन दावों की हवा निकल गयी प्रधानमंत्री की पूर्व की रैलियों में मोदी मैदान भीड़ से खचाखच भरा होता था मोदी की जब पहली रैली यहां हुई थी तब लोग घरों की छतों के साथ साथ पेडों पर भी चढ़ गये थे, तभी से इस मैदान को मोदी मैदान का नाम दे दिया गया लेकिन इस बार मोदी की रैली पहले की तरह भीड़ नहीं खींच पाई विजय शंखनाद रैली में भीड़ का आंकड़ा 25 हजार से भी कम रहा यह स्थिति तब है कि जबकि नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र की 14 विधानसभाओं में कार्यकर्ताओं को बसों में भरकर यहां लाया गया था उत्तराखण्ड के साथ साथ यूपी से भी कार्यकर्ता इस रैली में जुटे थे, लेकिन इसके बावजूद भीड़ की संख्या पिछले आंकड़े को नहीं छूं पाई इसको लेकर अंदरखाने भाजपा के लोगों में बेचैनी नजर आ रही है वहीं लोग मान रहे हैं कि मोदी का जादू अब पहले जैसा नहीं रहा। 

फिलहाल मोदी की रैली इस बार क्या गुल खिलायेगी यह अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना तय है कि भाजपा के लिए इस बार सिर्फ मोदी मैजिक के सहारे चुनाव में नैया पार लगाना आसान नहीं। 

सिख समाज और किसानों ने बनाई दूरी

रूद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजय शंखनाद रैली से इस बार सिख समाज और किसानों ने दूरी बनाये रखी रैली में सिख समाज के लोग बेहद कम संख्या में नजर आये इसके पीछे नानकमत्ता में तरसेम सिंह हत्याकाण्ड को प्रमुख वजह माना जा रहा है। डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह के हत्यारों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है, इतने बड़े हत्याकाण्ड में पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आयी है। जिसे लेकर सिख समाज में शासन प्रशासन के खिलाफ अंदरखाने रोष है। गनीमत है कि सिख समाज इस मुद्दे को लेकर अभी तक सड़कों पर नहीं उतरा है, हालाकि इसके भी कई कारण हैं। लेकिन मोदी की रैली से सिख समाज की दूरी बनाये रखने के लिए बाबा तरसेम सिंह हत्याकाण्ड को एक वजह माना जा रहा है। इसके पीछे दूसरी वजह किसान आंदोलन को भी माना जा रहा है। लम्बे समय से किसान अपनी मांगों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। तराई में किसानों की अच्छी खासी संख्या है, जिनमें से अधिकांश सिख समाज से हैं। किसानों की मांगों को नजरअंदाज किये जाने की वजह से भी मोदी की रैली में सिख समाज और किसानों ने दूरी बनाये रखी।।

मंच पर गुस्से से लाल हुए मोदी

रूद्रपुर। विजय शंखनाद रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मंच पर गुस्सा आ गया जिसे देखकर मंचासीन लोग एक बार असहज हो गये दरअसल प्रधानमंत्री मोदी जब मंच पर पहुंचे तो अलग अलग ढंग से उनका स्वागत सत्कार किया गया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें शंख भेंट किया तो, लोकसभा प्रत्याशी अजय टम्टा, अजय भट्ट, भाजपा महिला मोर्चा ने भी उन्हें स्मृति चिन्ह भेट किये इसी दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने भी सम्मान स्वरूप मोदी को टोपी पहनाई जब महेन्द्र भट्ट प्रधानमंत्री मोदी को टोपी पहना रहे थे, तो टोपी थोड़ी सी टेढ़ी हो गयी, इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने महेन्द्र भट्ट के हाथ से टोपी छीन ली और खुद अपने हाथ से टोपी पहनी इस दौरान प्रधानमंत्री गुस्से में नजर आये और महेन्द्र भट्ट को इशारों ही इशारों में अपने गुस्से का इजहार किया प्रधानमंत्री मोदी का गुस्सा देख कुछ क्षणों के लिए मंचासीन लोग असहज नजर आये। 

इस बार फीकी पड़ी धामी की धमक 

रूद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धमकी फीकी पड़ गयी अब तक उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ जितनी बार भी सीएम धामी ने मंच साझा किया है हर बार पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री धामी के काम की तारीफ करते हुए उन्हें अपना करीबी बताते रहे कई बार खुले तौर पर प्रधानमंत्री द्वारा की गयी तारीफ से धामी का कद तो बढ़ा ही था साथ ही मुख्यमंत्री का खुद का हौंसला भी बढ़ा था। लेकिन इस बार पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने सीएम धामी के काम की तारीफ करना तो दूर अपने भाषण में उनका नाम तक नहीं लिया।।

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