हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कोषागार कर्मचारियों में असंतोष
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने से कोषागर कर्मचारी संगठन में असंतोष पनप रहा है। उनका कहना है कि नियमों की अनदेखी करके उनके साथ अन्याय किया जा रहा है।
कोषागार कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश दिनांक 8.03.2013 तथा अवमानना वाद सं0 06/2016 में दिनांक 1.11.2018 एवं दिनांक 08.01.2019 को पारित आदेशों के समादन में उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश सं0 85 दिनांक 15 फरवरी 2019 को राज्य कोषागर के लेखाकार/ सहायक लेखाकार के वेतनमानों को उच्चीकृत/संशोधित किये गये एवं शासनादेश सं. 87 दिनांक 22 फरवरी 2019 को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ नोशनली के स्थान पर वास्तविक रूप से अनुमन्य किया गया है।

जिसके तहत उत्तराखण्ड शासन से पैरिटी के आधार पर उत्तराखण्ड लेखा संवर्ग नियमावली-2019 से कोषागार संवर्ग के कार्मिकों को अलग किया जाना चाहिए। लेकिन उत्तराखण्ड शासन से पैरिकटी के आधार पर भी उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश की अवहेलना की जा रही है। कोषागार कर्मियों का कहना है कि नियमानुसार कोर्ट के आधार पर उनको उच्चीकृत पद के वेतनमान में पदोन्नति होनी चाहिए साथ ही कर्मचारियों का कहना है कि अन्य विभागों से आये सहायक लेखाधिकारियों को सीधे कोषार संवर्ग में नियुक्ति प्रदान की जा रही है, जिससे पूर्व से कार्यरत कोषागार संवर्ग के अधिकारियों कार्मिकों के प्रमोशन सम्बंधी प्रकरण प्रभावित हो रहे हैं।।

