भ्रष्ट कर्मचारी पर शासन मेहरबान चतुर्थ श्रेणी वर्ग के कर्मचारी को बना दिया लिपिक
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। नगर निगम में तैनात एक कर्मचारी पिछले छह वर्षों से भ्रष्टाचार का पर्याय बना हुआ है। नियम विरूद्ध नगर निगम में तैनात किये गये इस कर्मचारी के भ्रष्ट कारनामों की शिकायत शासन स्तर पर कई बार की जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं हो रहा जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले निवर्तमान मेयर रामपाल भी इस भ्रष्ट कर्मचारी पर पांच साल तक मेहरबान रहे।
वर्तमान में नगर निगम में राजस्व मोहर्रिर का काम देख रहे महेशवर दत्त पाण्डे को वर्ष 2017 में खटीमा से नवगठित नगर पंचायत बिंदुखत्ता में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन बिंदुखत्ता नगर पंचायत का गठन निरस्त होने के बाद महेशवर दत्त को नियम विरूद्ध नगर निगम रूद्रपुर स्थानांतरित कर दिया गया जबकि नियमानुसार नगर निगम में नगर पालिका या नगर पंचायत के कर्मचारी को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता महेशवर दत्त पाण्डे का मूल पद नगर पालिका में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का है। शासनादेश के विपरीत नगर निगम में उक्त कर्मचारी को राजस्व मोहर्रिर बना दिया गया इसे लेकर तत्कालीन मेयर और नगर आयुक्त ने महेशवर दत्त पाण्डे को उनके मूल पद पर वापस भेजने के लिए शासन को पत्र लिखा था। इसके बावजूद महेशवर दत्त को यहां से उनके मूल पद पर वापस नहीं भेजा गया।
पिछले छह वर्ष से महेशवर दत्त नगर निगम के सार्वजनिक निर्माण विभाग में लिपिक का काम देख रहे हैं और ठेकेदारों के साथ सांठ गांठ करके भ्रष्ट कारनामों को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। बताया जाता है कि महेशवर दत्त पाण्डे अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर मोटी कमाई कर रहे हैं। यही नहीं एमडी पाण्डे द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों से मोटी रकम लेकर भुगतान फाईल में लगी जमानत राशि एनएससी, एफडीआर भुगतान से पहले ही निकालकर दे दी जाती है। जो ठेकेदार एमडी पाण्डे को रिश्वत नहीं देता उनकी निविदायें रद्द कर दी जाती है। उक्त भ्रष्ट कर्मचारी के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है। जिनकी जांच की जाये तो हैरान करने वाले खुलासे हो सकते हैं।
पिछले पांच वर्ष से निवर्तमान मेयर रामपाल भी इस भ्रष्ट कर्मचारी पर मेहरबान रहे, भ्रष्टाचार में लिप्त इस कर्मचारी को शह देर मेयर रामपाल भी अपने काम निकलवाते रहे उन्होंने एक बार भी नियम विरूद्ध तैनात किये गये इस कर्मचारी को यहां से वापस मूल पद पर भेजने का प्रयास नहीं किया एक तरफ मेयर रामपाल जीरो टॉलरेंस का दावा करते नहीं थकते थे तो दूसरी ओर वह भ्रष्ट कर्मचारी को संरक्षण देकर नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने में लगे रहे हालाकि नगर निगम की पूर्व मेयर सोनी कोली ने इस भ्रष्ट कर्मचारी को यहां से हटाने के लिए शासन से शिकायत कर चुकी हैं लेकिन उनके पत्र पर भी शासन स्तर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी फिलहाल जहां एक ओर मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं तो दूसरी ओर महेशवर दत्त पाण्डे जैसे भ्रष्ट कर्मचारी मुख्यमंत्री की शाख पर भी बट्टा लगा रहे हैं।।