Friday, October 31, 2025
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ऊधम सिंह नगर

मशीनों की तरंगों पर हरियाली की ढाल ,जहाँ दवाओं संग पेड़ करेंगे उपचार ,प्रो. डॉ. केदार शाही का अभिनव प्रयास–हीलिंग इन ग्रीन से रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बना पर्यावरणीय चिकित्सा का मॉडल–तकनीक की तरंगों से सेहत की हिफ़ाज़त — मेडिकल कॉलेज में हरियाली बनेगी प्राकृतिक कवच–ग्रीन शील्ड मशीनों से निकलने वाली रेडियो वेव्स की तीव्रता को घटाने में होगी सहायक

सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान

मशीनों की तरंगों पर हरियाली की ढाल ,जहाँ दवाओं संग पेड़ करेंगे उपचार , प्रो. डॉ. केदार शाही का अभिनव प्रयास 

–हीलिंग इन ग्रीन से रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बना पर्यावरणीय चिकित्सा का मॉडल

–तकनीक की तरंगों से सेहत की हिफ़ाज़त — मेडिकल कॉलेज में हरियाली बनेगी प्राकृतिक कवच

–ग्रीन शील्ड मशीनों से निकलने वाली रेडियो वेव्स की तीव्रता को घटाने में होगी सहायक

रिपोर्ट।अभिषेक शर्मा

रुद्रपुर।पंडित राम सुमेर राजकीय मेडिकल कॉलेज को लगातार आधुनिक मशीनों से लैस करने के साथ मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके जर्नल सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. केदार शाही की सकारात्मक पहल पर पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। जहां मेडिकल कॉलेज के परिसर में विभिन्न प्रकार के 100 पौधों का पौधारोपण किया गया।

इस वृहद पौधारोपण किए जाने के उद्देश्य को लेकर प्रो. डॉ. शाही ने बताया कि यह पौधारोपण केवल हरियाली बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज की इको-सिस्टम बैलेंसिंग के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में लगी आधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनें जैसे सीटी स्कैन , एमआरआई , अल्ट्रा सोनोग्राफी यूनिट्स रेडियोथैरेपी सिस्टम, से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह हरित परत बनाई जा रही है।

डॉ. शाही ने बताया कि “पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करने के साथ-साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक अब्जॉर्प्शन कैपेबिलिटी भी प्रदर्शित करते हैं। ऐसे में पौधों की वैज्ञानिक श्रेणीकरण प्रणाली को ध्यान में रखते हुए कॉलेज परिसर में लगाए गए पौधों को फोटोसिंथेटिक एफिशिएंसी रेडिएशन ऑब्जरवेशन इंडेक्स और ऑक्सीजन यील्ड कैपेसिटी के आधार पर वर्गीकृत किया गया है । जिसमें छायादार, फलदार, औषधीय और सुगंधित पौधों का संयोजन इस योजना का हिस्सा है।

यह पौधारोपण एक प्रकार की ग्रीन शील्ड बनाकर मशीनों से निकलने वाली रेडियो वेव्स की तीव्रता को घटाएगा जिससे रोजाना उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज आने वाले मरीजों, चिकित्सकों एवं स्टाफ को एक शुद्ध, ऑक्सीजन- युक्त वातावरण मिलने के साथ मशीनों की तरंगों से होने वाले दुष्परिणामों से राहत मिल सकेगी।

डॉ. शाही ने चिकित्सा और प्रकृति का संगम जोड़ते हुए बताया कि मरीज का उपचार केवल दवा से ही नहीं बल्कि पर्यावरण से भी आता है l , “ पौधारोपण के माध्यम से अस्पताल को एक चिकित्सीय पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। कॉलेज परिसर में विशेष रूप से ग्रीन हीलिंग जोन बनाया जा रहा है, जहाँ मरीजों और उनके परिजनों को तनाव-मुक्त वातावरण और चिकित्सीय वायु गुणवत्ता मिलेगी।।

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