सहायक अभियंता केशव आर्य की मनमानी से चरमराया लोक निर्माण विभाग स्थायी अधिशासी अभियंता की नियुक्ति न होने का उठाया जा रहा भरपूर फायदा
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
सहायक अभियंता केशव आर्य की मनमानी से चरमराया लोक निर्माण विभाग
स्थायी अधिशासी अभियंता की नियुक्ति न होने का उठाया जा रहा भरपूर फायदा
रुद्रपुर। लोक निर्माण विभाग रुद्रपुर इन दिनों अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। अधिशासी अभियंता के पद पर स्थायी नियुक्ति न होने से विभाग के कामकाज पर गंभीर असर पड़ा है, और इस स्थिति का भरपूर लाभ सहायक अभियंता केशव आर्य उठा रहे हैं। विभाग में अनुशासन और जवाबदेही नाम की चीज शेष नहीं रह गई है।
जानकारी के अनुसार अधिशासी अभियंता ओमपाल सिंह का 17 मई 2025 को देहरादून स्थानांतरण हो गया था, जिसके बाद से यह महत्वपूर्ण पद खाली पड़ा है। पहले अरुण कुमार को अस्थाई रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी गई, फिर 30 जून से 26 अगस्त तक गजेन्द्र सिंह ने कार्यभार संभाला इसके बाद 28 अगस्त से 12 सितंबर तक विभोर गुप्ता ने अस्थाई रूप से जिम्मेदारी निभाई वर्तमान में पुनः गजेन्द्र सिंह इस पद का कार्यभार देख रहे हैं, लेकिन स्थायी नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है।
इस प्रशासनिक शिथिलता और अनिर्णय का सीधा असर विभागीय कार्यप्रणाली पर पड़ा है। इस पूरे अंतराल में सहायक अभियंता केशव आर्य ने विभाग की बागडोर लगभग अपने हाथ में ले ली है और उनकी मनमानी के चलते न केवल विकास कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि सड़क निर्माण और रखरखाव में भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं।
रुद्रपुर क्षेत्र में आने वाली सड़के वर्तमान में बेहद दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी है। यह सड़क अब कंक्रीट या डामर की जगह मिट्टी का ढेर बनकर रह गई है। क्षेत्रीय जनता आए दिन धूल, कीचड़ और जर्जर मार्गों से परेशान है, लेकिन विभागीय जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। केशव आर्य न तो निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और न ही ठेकेदारों की मनमानी पर कोई अंकुश लगाया जा रहा है।
स्थायी नेतृत्व के अभाव में ठेकेदारों की मनमानी चरम पर है। गुणवत्ता की परवाह किए बिना जैसे-तैसे निर्माण कार्य पूरे किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कई मामलों में बिना निरीक्षण के ही बिल पास कर दिए गए हैं। भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहराई तक जा चुकी हैं कि विभागीय धन की खुली लूट मची है और कोई देखने वाला नहीं है।
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि जल्द ही अधिशासी अभियंता की स्थायी नियुक्ति नहीं की गई और विभाग में पारदर्शिता नहीं लाई गई, तो इसका दुष्परिणाम आने वाले समय में विकास कार्यों पर पड़ेगा।।