Monday, October 13, 2025
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हिंदी दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन, बुलंदी संस्था ने मनाया हिंदी का महत्व

सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान 

रुद्रपुर। बुलंदी साहित्यिक सेवा समिति द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। नगर निगम सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कविता पढ़ी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता और अतिथि

कार्यक्रम की अध्यक्षता जितेंद्र कमल आनंद ने की, जबकि मुख्य अतिथि जगमोहन सिंह जगमोरा और सुशील बड़ाकोटी शेलांचली रहे। विशिष्ट अतिथि पंकज प्रकाश ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

हिंदी भाषा का महत्व

संस्था के संस्थापक बादल बाजपुरी ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि “पढूंगा छंद हिंदी के अधर जब भी मैं खोलूंगा, मुझे हिंदी ही प्यारी है मैं तो हिंदी ही बोलूंगा।”

कवियों की प्रस्तुति

कार्यक्रम में विभिन्न कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाया। पीलीभीत से आए नीलेश ने कहा कि “हमारे स्वाभिमान की भाषा है हिंदी, भारत के पहचान की भाषा है हिंदी।” दिल्ली से आए रिंकू निगम ने कहा कि “दिवस हिंदी मनाने से ये आगे बढ़ नहीं सकती, अगर अपनाए सब हिंदी बढ़ेगी तब मेरी हिंदी।”

सम्मान और पुरस्कार

कार्यक्रम में राजविंदर कौर को महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा डॉ शशि जोशी, मंजू जोशी, सूर्य प्रताप चौहान, सुरभि खनेडा, अक्षिता रावत, डॉ गीता चौहान, सपना कांबोज और अमित वर्मा को हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया।

विद्यालयों में हिंदी प्रतियोगिता

बुलंदी संस्था ने शहर के विभिन्न विद्यालयों में हिंदी प्रतियोगिता आयोजित की। जनता इंटर कॉलेज, रेनबो पब्लिक स्कूल, टेंडर शॉल स्कूल और विद्या मंदिर स्कूल में आयोजित इस प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया।

बुलंदी संस्था की उपलब्धियां

बुलंदी संस्था ने साहित्यिक क्षेत्र में तीन विश्व कीर्तिमान बनाए हैं। संस्था हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही है, जिसके संस्थापक अंतरराष्ट्रीय कवि बादल बाजपुरी हैं।

हिंदी दिवस का महत्व

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा देना और इसके प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना है। हिंदी विश्व की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषाओं में से एक है, और इसका महत्व भारतीय संस्कृति और इतिहास में बहुत अधिक है।।

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