ग्रामीणों के दिलों को छू रही कोमल की सादगी गांव की बेटी बनकर कोमल ने जीते ग्रामीणों के दिल
ग्रामीणों के दिलों को छू रही कोमल की सादगी
गांव की बेटी बनकर कोमल ने जीते ग्रामीणों के दिल
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
रुद्रपुर। कुरैया जिला पंचायत सीट पर चुनावी घमासान अपने चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से कोमल चौधरी को प्रत्याशी बनाया है और पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के समर्थन से उनके पक्ष में वातावरण लगातार सशक्त होता जा रहा है। चुनाव प्रचार की तेज़ रफ्तार के बीच कोमल की सादगी, सरलता और आत्मीय व्यवहार ग्रामीण मतदाताओं के बीच उन्हें लोकप्रियता दिला रहा है।
चुनाव प्रचार के दौरान कोमल चौधरी जिस तरह से ग्रामीणों से आत्मीयता के साथ संवाद कर रही हैं, वह लोगों के मन को भा रहा है। वह बुजुर्गों से आशीर्वाद लेती हैं, बच्चों को स्नेह देती हैं और महिलाओं से घुल-मिलकर बातें करती हैं। जनसंपर्क अभियान के हर पड़ाव पर उनकी यह विनम्रता और अपनापन उन्हें बाकी प्रत्याशियों से अलग बनाता है। हालांकि, विपक्ष ने कोमल पर ‘बाहरी’ होने का आरोप लगाया है। इस पर कोमल चौधरी ने बेहद सादगीपूर्ण ढंग से जवाब देते हुए कहा है कि वह बाहरी नहीं, बल्कि गांव की ही बहू और बेटी हैं। उन्होंने बताया कि वह मट कोटा में निवास करती हैं और धर्मपुर उनका ननिहाल है। ऐसे में उनका नाता इस क्षेत्र से पारिवारिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से गहराई से जुड़ा है। कोमल कहती हैं कि उन्होंने यहीं के माहौल में संस्कार पाए हैं और ग्रामीणों की भावनाओं को समझना और साझा करना उनके लिए स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो विश्वास जताया है, उस पर वह पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ खरा उतरेंगी। कोमल ने जनता से वादा किया कि उनकी समस्याएं जैसे सड़क, पानी, नाली, राशन कार्ड और अन्य बुनियादी सुविधाएं उनकी प्राथमिकता होंगी हर गांव, हर टोले की आवाज़ बनकर वह विकास की गति को नई दिशा देंगी।
कोमल के चुनावी अभियान में वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ उनके पति उपेंद्र चौधरी भी पूरी सक्रियता के साथ लगे हुए हैं। वह घर-घर जाकर ग्रामीणों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए ‘बाहरी प्रत्याशी’ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप विपक्ष की हताशा को दर्शाता है। विकास और जनसमर्थन के अभाव में विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार की नीतियां और विकास कार्य इस बार निर्णायक भूमिका निभाएंगे उन्होंने दावा किया कि यह चुनाव पूरी तरह एकतरफा होता जा रहा है और 31 जुलाई को कोमल चौधरी ऐतिहासिक मतों से विजयी होंगी, क्योंकि समाज का हर वर्ग चाहे वह किसान हो, महिला, युवा या बुजुर्ग भाजपा प्रत्याशी के साथ खड़ा है।
जैसे-जैसे मतदान की तिथि 28 जुलाई नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी माहौल और भी गरमाता जा रहा है। लेकिन इस गरमी के बीच कोमल की विनम्रता और सहजता ग्रामीणों के लिए शीतल छाया बनकर सामने आ रही है। चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, फिलहाल यह स्पष्ट है कि कोमल चौधरी ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली है।।