Saturday, May 31, 2025
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टीडीसी में पूरी पारदर्शिता से कराई गई नीलामी प्रक्रियाः महाप्रबंधक भ्रष्टाचार और टीडीसी को बंद करने के आरोप बेबुनियाद महाप्रबंधक ने प्रेस वार्ता में दिया स्पष्टीकरण

सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान 

रूद्रपुर। तराई बीज विकास निगम के महाप्रबंधक अभय सक्सेना ने टीडीसी में टेंडर प्रक्रिया और टीडीसी को समाप्त करने के लग रहे आरोपों को लेकर पत्रकार वार्ता में सभी आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया। उन्होनंे कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर टीडीसी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पंतनगर में एयरपोर्ट विस्तारीकरण की प्रक्रिया के चलते टीडीसी के भवनों को स्थानांतरित किया जारहा है। इसके साथ ही मटकोटा स्थित बीज गोदाम में मितव्ययता के साथ निगम मुख्यालय को स्थाई रूप से स्थानान्तरित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। हल्दी स्थित बीज संयंत्र में जो भी बीज प्रोसेस होता था, उसकी व्यवस्था नगला स्थित बीज संयंत्र में की गयी है। हल्दी स्थित आवासीय भवनों में जो भी निगम के कार्मिक निवासरत थे उनकी व्यवस्था मटकोटा व नगला स्थित निगम के भवनों आवासीय भवनों को एलॉट करते हुए कार्यवाही की गयी है।

हल्दी स्थित मुख्यालय आवासीय भवन व हल्दी स्थित बीज संयंत्र, जिस भूमि पर स्थित हैं, उस हेतु राज्य सरकार के माध्यम से 13.42 करोड की धनराशि निगम को प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्त उक्त निर्मित भवनों के नव निर्माण हेतु लोक निर्मााण विभाग के माध्यम से 70.03 करोड का ऑकलन किया गया है। जिस हेतु राज्य सरकार के माध्यम से नव निर्माण के आगणन के आधार पर यह धनराशि भी प्रदान करते हुए स्वीति जारी हो चुकी है।

टीडीसी की निवदाओं को लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि निगम द्वारा अपनी सम्पत्ति जो कार्य योग्य नही रह गयी थी तथा विस्तारीकरण की सीमा के अन्तर्गत आ रही थी, इस हेतु 5 प्रकार की निविदाओं के लिए निर्णय किया गया। जिसमें निगम मुख्यालय भवन, हल्दी संयंत्र भवन तथा आवासीय भवन जो एअरपोर्ट के विस्तारीकरण की सीमा के अन्तर्गत आ रहे थे उनका घ्वस्तीकरण। मशीनरी जो एअरपोर्ट विस्तारीकरण के अन्तर्गत हटायी जानी थी एवं जो निगम के कार्ययोग्य नही थी उनकी नीलामी, एअरपोर्ट विस्तारीकरण सीमा के अन्तर्गत निगम की भूमि पर लगे हुए वृक्षों की नीलामी, शासनादेश के अनुसार 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहन जो कार्य अयोग्य घोषित हो गये, उनकी निलामी एवं निष्प्रयोज्य फर्नीचर, पंखे आदि की नीलामी आदि शामिल हैं। जिसके तहत निगम द्वारा भवन घ्वस्तीकरण व मशीनरी निलामी के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा चुकी है। शेष पर कार्यवाही गतिमान है।

महाप्रबंधक अभय सक्सेना ने कहा कि भवन घ्वस्तीकरण के सम्बन्ध में नियमानुसार लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ऑकलन प्राप्त किया गया, जिसके अनुसार घ्वस्तीकरण हेतु चिन्हित भवनों का मूल्यॉकन रू0 3.809 करोड ऑकलित हुआ। ऑकलित धनराशि को आधार मूल्य मानते हुए निगम द्वारा शासन द्वारा निर्गत प्रोक्योरमेन्ट नियमावाली 2017 के अनुसार नियमानुसार समिति गठन की कार्यवाही करते हुए ई-टेण्डर जोकि निर्धारित वैबसाईट पर जारी किया गया, जिसमें टेण्टर डालने हेतु 15 दिन का पूरा समय दिया गया। ई-टेण्डर वैब साईट पर डाले गये किसी भी टेण्डर को किसी भी इच्छुक व्यक्ति द्वारा अवलोकन किया जा सकता है एवं निविदा में प्रतिभाग किया जा सकता है। एअरपोर्ट विस्तारीकरण सीमा के अन्तर्गत निगम के जो भी भवन ध्वस्तीकरण की जद में आ रहे थे उनका मूल्यॉकन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से एक बार ही कराया गया है, जिसका ऑकलन लोक निर्माण द्वारा घ्वस्तीकरण उपरान्त स्कैप मूल्य 3.809 करोड ऑकलित किया गया। महाप्रबंधक ने कहा कि टेंडर को लेकर जो दुष्प्रचार किया जा रहा है सरासर बेबुनियाद है। भवनों के घ्वस्तीकरण के सम्बन्ध में निगम द्वारा नियमों का पूर्ण पालन करते हुए निविदा जारी की गयी, जिसके कम में 3 निविदादाता द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिस पर उच्चतर निविदादाता मैसर्स हिन्द कन्स्ट्रक्शन को सफल घोषित किया गया। यही नहीं निविदा से प्राप्त होने वाली धनराशि भवनों के ध्वस्तीकरण के आधार मूल्य से अधिक प्राप्त हुई जोकि जी०एस०टी० सहित रू0 4.729 करोड प्राप्त हुई, जोआधार मूल्य से लगभग 24 प्रतिशत अधिक है।

जहां तक मशीनरी की निविदा का सवाल है निगम द्वारा मात्र उन्ही मशीनरी की निविदा की गयी है जो एअरपोर्ट विस्तारीकरण सीमा के अन्तर्गत आ रही थी एवं जो विगत कई वर्षों से कार्य अयोग्य होने के कारण निष्प्रयोज्य थी। मशीनरी की निविदा करने से पूर्व निष्प्रयोज्य मूल्य का ऑकलन भारत सरकार द्वारा अधिकृत वेल्यूअर से कराया गया जिनके द्वारा मशीनरी का निष्प्रयोज्य मूल्य रू0 78.14 लाख ऑकलित किया गया।

इसके लिए भी नियमों का पालन करते हुए यह निविदा निर्धारित वैबसाईट पर ई-निविदा आमंत्रित की गयी, जिसके लिए 4 निविदाएं प्राप्त हुई, जिसमें उच्चतर निविदादाता मैसर्स चौहान कन्सटेनसी द्वारा 94.41 लाख (जी०एस०टी० सहित) मूल्य दिया गया जोकि आधार मूल्य से लगभग 21 प्रतिशत अधिक था।

कुछ लोग यह भी दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मटकोटा स्थित बीज संयंत्र व बाजपुर स्थित बीज संयंत्र को नीलाम करने के पीछे उद्देश्य निगम को बन्द करना है, यह पूर्णतया असत्य व निराधार है। मटकोटा व बाजपुर संयंत्र मशीनरी वर्ष 2016 से कार्य उपयोग में नही है। बाजपुर संयंत्र की मशीनरी तो वर्ष 2016 में ही डिसमैन्टल की जा चुकी है। निगम निदेशक मण्डल की बैठक में भी नीलाम किये जाने के अनुमोदन प्रदान किया गया है।

मटकोटा व बाजपुर भवन को किसी भी प्रकार से घ्वस्तीकरण या निविदत किये जाने की कोई भी कार्यवाही नही की गयी है और न ही गतिमान है। निगम द्वारा मटकोटा स्थित भवन को निगम मुख्यालय के रूप में परिवर्तित किये जाने का निर्णय हो चुका है जिस पर कार्यवाही भी गतिमान है। बाजपुर स्थित भवन व गोदाम से अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए भी कार्यवाही गतिमान है।

महाप्रबंधक अभय सक्सेना ने कहा कि निगम को बन्द करने की कोई योजना नही है बल्कि एअरपोर्ट विस्तारीकरण सीमा के अन्तर्गत निगम के भवन का जो नव निर्माण ऑकलन 70.03 करोड लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑगणित किया गया है उसको शासन स्तर से प्राप्त कर निगम को एक नयी दिशा में पूरा व्यावसायिक प्रबन्धन कार्य योजना तैयार की गयी है, जिससे निगम और अधिक सुद्ध हो सके और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके।।

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