” ग्रीष्मकालीन धान की बुआई पर प्रतिबंध, किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए प्रेरित करने की मुहिम “
सौरभ गंगवार
रुद्रपुर। ग्रीष्मकालीन धान को लेकर जिला प्रशासन बेहद संजिदा है। ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित करने व काश्तकारों को ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का, गन्ना व अन्य फसल उगाने हेतु प्रेरित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समस्त किसान सगंठनों के साथ बैठकें आयोजित हुई जिनमें किसानों द्वारा ग्रीष्तकालीन धान की बुआई न करने की शपथ भी ली गई जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में जिन किसानों की भूमि जलभराव वाली है अथवा दलदलीय भूमि है उन क्षेत्रों में किसान को ग्रीष्मकालीन धान की बुआई हेतु अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
इस हेतु कई क्षेत्रों के किसानों द्वारा अनुमति हेतु आवेदन किये गये है जिसके क्रम में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार व मुख्य कृषि अधिकारी डॉ0 अभय सक्सेना ने अधिकारियों के साथ किच्छा क्षेत्र के मिलक गांव का भ्रमण किया व काशतकारों से वार्ता भी की।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि हमारा क्षेत्र सूखा क्षेत्र है तथा दिन-प्रतिदिन भू-जल स्तर गिर रहा है, इसलिए प्रशासन ग्रीष्मकालीन धान को प्रतिबन्धित करते हुए ऐसे वैकल्पिक फसलों की बुआई हेतु किसाना भाईयों को प्रेरित कर रहा है जिन फसलों में पानी का दोहन कम हो व पैदावार भी अच्छी हो उन्होने कहा कि सभी किसान संगठनों की सहमति के उपरान्त ही जनपद में ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित किया जा रहा है इसलिए सभी किसान भाई ग्रीष्मकालीन धान के वैकल्पिक फसलों का उत्पादन करें व अपने क्षेत्र के किसान भाईयों को भी प्रेरित करें उन्होने कहा कि प्रशासन द्वारा किसान संगठनों से वार्ता के बाद ही व उनकी सहमति पर ही ग्राीष्मकालीन धान को प्रतिबंधित किया गया है, इसलिए किसान भाई प्रशासन के आदेश का किसी भी दशा में उल्लंघन न करें उन्होने बताया कि जनपद के सभी विकास खण्डों में 12 से 15 जनवरी तक जागरूकता हेतु किसान गोष्ठियों का अयोजन किया जा रहा है। जिन किसान भाईयों द्वारा दलदलीय व जलभराव वाली भूमि में धान बुआई हेतु आवेदन प्राप्त हुऐं उनकी जांच की जायेगी निरीक्षण के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी डॉ0 अभय सक्सेना व काश्तकार मौजूद थे।।