Saturday, October 19, 2024
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ऊधम सिंह नगर

रूद्रपुर महाविद्यालय में 15-20 वर्षों से जमे हैं सरकारी सेवक महाविद्यालय में नियम और कायदे कानून ताक पर

सौरभ गंगवार 

रूद्रपुर। उच्च शिक्षा विभाग में सैटिंग गैटिंग के चलते मनमानी का खेल इस कदर हावी है कि नियमों को ताक पर रखकर कई प्राध्यापक और कर्मचारी 15 से 20 वर्षों से एक की जगह कुंडली मारकर बैठे हैं। इससे न सिर्फ मनमानी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। एक ही जगह पर लम्बे समय से जमे प्राध्यापकों और कर्मचारियों को हटाये जाने की मांग कई बार उठ चुकी है इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सब कुछ जानकर भी ध्रतराष्ट्र की भूमिका निभा रहे हैं।

बता दें कार्मिक विभाग ने सरकारी सेवकों के लिए नियम बनाया है। इसके अ नुसार कोई भी सरकारी सेवक एक स्थान पर पदस्थापित नहीं रह सकता है। तीन या पांच साल पर उनका तबादला कर दिया जाना चाहिए शिक्षा विभाग में तीन वर्ष तक दुर्गम क्षेत्र मे तैनाती अनिवार्य की गयी है। कोई भी प्राध्यापक या कर्मचारी सुगम क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समायावधि तक तैनात नहीं रह सकता है। लेकिन नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है। कार्मिक विभाग लम्बे समय से एक ही स्थान पर जमे प्राध्यापकों के तबादला करने का निर्देश जारी करता है, लेकिन सेटिंग करके तबादला रूकवा दिया जाता है।

दरअसल लम्बे समय से एक स्थान पर जमे प्राध्यापक और कर्मचारियों का उच्च अधिकारियों से जबरदस्त तालमेल है। इसकी बदौलत उनका या तो तबादला नहीं होता आदेश निकलता भी है तो दबा दिया जाता है। विभाग के अफसरों से सांठ गांठ के चलते वे एक ही जगह कुंडली मारकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लम्बे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ होने की वजह से शिक्षण कार्य में भी लापरवाही की शिकायतें मिल रही है। साथ ही भ्रष्टाचार का दीमक भी लगातार बढ़ रहा है। लेकिन उच्चाधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। हालत ये है कि वर्षों से एक ही जगह जमे प्राध्यापक और कर्मचारी शासन के नियमों को भी ठेंगा दिखाते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। साथ ही अपनी राजनीतिक पहुंच के दम पर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। रूद्रपुर डिग्री कालेज में आलम यह है कि यहां 15 से बीस वर्षों से प्राध्यापक कुंडली मारे हुए हैं। 

अर्थशास्त्र की प्राध्यापक डा. रीनू रानी मिश्रा 2005 से यहां जमी हुयी है। जबकि हिंदी के प्राध्यापक प्रो. शंभू दत्त पाण्डे और वाणिज्य के डा. परमानंद तिवारी साल 2009 से यहां तैनात हैं। भूगोल की डा. पूनम शाह गंगोला,डा. कमला बोरा,इतिहास के प्रो. नरेश कुमार,समाज शास्त्र के डा. अंचलेश कुमार 2013 से यहां तैनात हैं। वनस्पति विज्ञान के प्रो. ए के पालीवाल और अंग्रेजी के प्रो मनोज कुमार पाण्डे अंग्रेजी 2014 से यहीं पर जमे हैं। भोतिकी विषय के प्राध्यापक डा. हरिश्चन्द्र,वनस्पति विज्ञान के डा. शलभ गुप्ता,रसायन विज्ञान के डा. पीपी त्रिपाठी,हिंदी की डा. निर्मला जोशी,डा. रूमा शाह,रसायन विज्ञान के डा. भारत पाण्डे एवं डा. विवेकानंद पाठक साल 2016 से यहां अंगद की तरह पैर जमाये हुए हैं। इसके अलावा जंतु विज्ञान की डा. दीपमाला एवं अर्थशास्त्र के डा. बामेश्वर प्रसाद सिन्हा,डा. सुनील कुमार मौर्य,रसायन विज्ञान के डा. दीपक दुर्गापाल वर्ष 2017 से यहां तैनात हैं। समाजशास्त्र के डा. राजेश कुमार सिंह,गणित के डा. राघवेन्द्र मिश्रा और शारीरिक शिक्षा के प्रो राजेश कुमार 2019 से यहां तैनात हैं।।

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