ऊधम सिंह नगर

मोदी की रैली के चलते भटकने को मजबूर हुए लोग

सौरभ गंगवार

रूद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के चलते हजारों लोगों को फजीहत उठानी पड़ी मोदी ग्राउण्ड और उसके पास पास के क्षेत्र को जीरो जोन घोषित किये जाने का खामियाजा कई लोगों को उठाना पड़ा कई लोगों को दो से तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा तो कई लोग समय पर ड्यूटी और अपने जरूरी काम के लिए नहीं जा पाये कई मरीज तो इलाज के लिए अस्पताल तक नहीं जा पाये

मोदी मैदान में इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह पांचवी रैली थी इससे पहले की रैलियों में ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला, जो इस बार देखने को मिला मोदी ग्राउण्ड के आस पास की दुकानों को एक दिन पहले ही बंद कर दिया गया यही नहीं मोदी ग्राउण्ड के आस पास की बस्तियों से आने वाले मार्गों को भी पूरी तरह सील कर दिया गया इन मार्गों से दोपहिया वाहनों को भी मुख्य मार्ग पर नहीं आने दिया गया इसे लेकर लोगों में खासी नाराजगी देखी गयी गंगापुर की ओर से आने वाले छोटे बड़े सभी वाहनों की आवाजाही सुबह से ही जेसीज चौक पर रोक दी गयी सुबह नौकरी पेशा और कामकाजी लोग जब यहां पर पहुंचे तो रास्ते पर बैरिकेटिंग और पुलिस की तैनाती देखकर हैरान रह गये पूर्व की रैलियों में केवल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के दौरान ही इस मार्ग को जीरो जोन घोषित किया जाता था लेकिन इस बार अभूतपूर्व सुरक्षा को देखकर हर कोई हैरान और परेशान नजर आया।

गंगापुर रोड से जिन लोगों को शहर में आना था उन्हें ट्रांजिट कैम्प और सिडकुल से कई किलोमीटर चक्कर काटकर रूद्रपुर के लिए आना पड़ा कई लोग जेसीज चौक से ट्रांजिट कैम्प होकर जब शिवनगर वाले रास्ते से बाजार की ओर आने लगे तो उन्हें शिवनगर वाले मोड़ पर पुलिस का सामना करना पड़ा और यहां से भी सिर्फ पैदल आने जाने वालों के लिए ही रास्ता खोला गया जो लोग वाहन से आ रहे थे उन्हें वापस लौटा दिया गया इस दौरान कई लोगों की पुलिस के साथ नोंक झोंक भी हुई पुलिस कर्मी उच्चाधिकारियों के आदेशों का हवाला देते नजर आये मरीजों को देखकर भी उनका दिल नही पसीजा बाइक सवार एक दंपत्ति अपने बीमार मासूम बच्चे को लेकर अस्पताल ले जा रहे थे यह वाकया करीब साढ़े नौ बजे का है। दंपत्ति पुलिस के सामने गुहार लगाने लगे, उनका कहना था कि बिमार बच्चे के इलाज के लिए उन्हें अस्पताल पहुंचना जरूरी है लेकिन पुलिस कर्मियों ने संवेदहीनता की हदें पार कर दी और बीमार बच्चे को पैदल लेकर जाने को कहा एक पुलिस कर्मी ने नसीहत दी कि अगर ज्यादा दिक्कत है तो एंबुलेंस को फोन कर लो लेकिन बाइक नहीं जाने देंगे। थक हारकर दंपत्ति ने वहां से लौटने में ही भलाई समझी। बाइक सवार एक नगर निगम कर्मचारी को भी पुलिस कर्मियों ने बैरंग लौटा दिया नगर निगम कर्मी का कहना था कि उसकी ड्यूटी भी मोदी के कार्यक्रम को लेकर लगायी गयी है लेकिन पुलिस कर्मी पास मांगने लगे जो उसके पास नहीं था। साईकिल से स्कूल जा रहे कई स्कूली बच्चे भी वापस घर लौटने के लिए मजबूर हो गये इसी तरह कई सरकारी और प्राईवेट कर्मचारियों को भी मोदी की रैली के चलते फजीहत उठानी पड़ी चिकित्सा जैसी जरूरी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों तक को पुलिस ने वापस लौटा दिया कई मीडिया कर्मियों के पास तो पास भी थे लेकिन उन्हें भी रोक लिया गया मीडिया कर्मियों से वाहन का पास अलग से लाने को कहा गया जबकि सूचना विभाग की ओर से वाहनों के लिए कोई पास की व्यवस्था नहीं की गयी थी कुल मिलाकर मोदी की रैलियां पहले भी हुई इस बार मोदी की रैली क्या गुल खिलायेगी यह तो भविष्य बतायेगा लेकिन रैली के लिए की गयी सुरक्षा व्यवस्थाओं ने क्षेत्र की बड़ी आबादी को नाराज करने का काम जरूर किया है। जगह-जगह पुलिस की रूखे व्यवहार से नाराज लोग पुलिस प्रशासन के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी को भी कोसते नजर आये।।

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