बर्बादी की कहानी लिख रहा नशे का कारोबार पुलिस के सख्त अभियान के बावजूद नहीं लग रहा अंकुश
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद तराई नशे की गिरफ्त में जकड़ रही है। बड़ी युवा आबादी नशाखोरी के मकड़जाल में फंसकर अपना भविष्य बर्बाद कर रही है। नशाखोरी का प्रचलन जिस तरह से तेजी से बढ़ रहा है वह युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लगाने वाला है।
किसी भी राज्य की नींव को जर्जर व खोखला करने में सक्षम है। ऐसे में समाज में सकारात्मक वातावरण का माहौल उत्पन्न करने के लिए नशे का समूल नाश जरूरी है। तराई के उधम सिंह नगर जनपद लम्बे समय से नशे के अवैध कारोबार की जड़ें गहरी होती जा रही है। पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में नशे का अवैध सामान बड़े पैमाने पर खपाया जा रहा है। जिले में जहरीली अवैध शराब स्मैक, चरस के साथ साथ नशे के इंजेक्शन दवाईयां, अफीम, गांजा, जैसे नशे के सामानों की बड़ी खेप कई बार पकड़ी जा चुकी है। हाल ही काशीपुर पुलिस ने स्मैक की सबसे बड़ी खेप एक किलो स्मैक बरामद की थी जिले में शायद ही कोई दिन जाता हो जिस दिन नशे का अवैध सामान बरामद न होता हो एसएसपी मंजूनाथ टिसी के नेतृत्व में पुलिस नशा माफियाओं के खिलाफ सख्ती से अभियान चला रही है। कई माफियाओं को पुलिस सलाखों के पीछे डाल चुकी है। पुलिस दो चार नशा तस्करों को गिरफ्तार करती है लेकिन उनके बाद उनके गुर्गे तस्करी शुरू कर देते हैं।
नशे के माफियाओं ने उधम सिंह नगर को नशे की मण्डी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यूपी के मुरादाबाद, बरेली, रामपुर सहित कई शहरों के नशा माफिया यहां के स्थानीय माफियाओं से सांठ गांठ कर नशे के सामान की सप्लाई कर रहे हैं जिससे युवा पीढ़ी नशे के गर्त में जा रही है। आए दिन नशे की खेपों की बरामदगी माफियाओं के मंसूबों की तस्दीक करती है। सस्ती शराब के भ्रम में कई लोग शराब माफिया के जाल में फंसकर अपनी जान गंवा रहे हैं। नशे के फैशन व शौक से क्राइम जगत का ग्राफ भी बदल रहा है। अवैध शराब, स्मैक, गांजा, चरस, अफीम, इंजेक्शन कातिल नशे को मनचाहे रेटों पर बेचकर युवाओं के भविष्य को बर्बाद करके करोड़पति बन रहे हैं। नशीले धंधे में लिप्त सरगनाओं के सिर पर सियासी छाया तो रहता ही है, इसलिए कानून के हाथ आसानी से इनके गिरेबान तक नहीं पहुंचते तथा कई मुलजिम बच निकलते हैं।
नशे की बुरी लत से कई विसंगतियां सामने आ रही है। मसलन घरों में पारिवारिक झगड़े, चोरी, लूट, हमले की घटनाएं आम होती जा रही है। सड़क हादसे तथा सभ्य समाज में कई संगीन वारदातों से लेकर घरेलू हिंसा के पीछे नशा है, लेकिन हर शख्स नशे के खौफनाक अंजाम से वाकिफ होकर भी इसे नजरअंदाज करता है। युवाओं को अपनी चपेट में ले चुकी नशे की महामारी तराई को बर्बादी की ओर ले जा रही है। विदेशों व महानगरों से उपजी नशाखोरी की समस्या ने आज हमारे गांव व कस्बों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। प्रदेश भर में प्रशासन द्वारा ‘नशा मुक्त’ अभियान का आयोजन किया जाता है। लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराने के लिए कई संगठन भी लगातार प्रयास करते हैं लेकिन नशे का परिदृश्य चिंताजनक है। नशाखोरी के मकड़जाल में फंसकर युवावर्ग न सिर्फ अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि अपना और अपने परिवार का भविष्य भी बर्बाद कर रहा है। समाज में सकारात्मक वातावरण का माहौल उत्पन्न करने के लिए नशे का समूल नाश जरूरी है। इसलिए नशे को नाश के लिए इसके सरगनाओं और नशे के नेटवर्क के खिलाफ बड़ा एक्शन होना चाहिए।।