पत्रकारिता की आड़ में भू माफिया ने खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य
नजूल भूमि पर कब्जा करके लगाई है प्रेस, प्रशासन बेबस
सौरभ गंगवार
रूद्रपुर। शहर में पत्रकारिता की आड़ लेकर पिछले लम्बे समय से एक भू माफिया ने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया हैं। नजूल भूमि पर कब्जा करके प्रेस चला रहे इस भू माफिया की नजर अब प्रेस क्लब के भवन है। प्रेस क्लब को अपने अधिकार मे लेने के लिए इस तथाकथित पत्रकार ने कई बार तिकड़म चलाई लेकिन कोई तिकड़म काम नही आयी हाल ही में प्रेस क्लब को लेकर विवाद सुलझने ही वाला था कि इस पत्रकार ने प्रेस क्लब में अपना दबदबा कायम करने के चक्कर में पत्रकारों में ही फूट डाल दी।
पिछले कई वर्षों से शहर में सांध्य दैनिक अखवार चला रहे एक पत्रकार ने पत्रकारिता की आड़ में कई ऐसे खेल कर डाले जिससे वो आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन बैठा है। करीब दो दशक पूर्व तक यह पत्रकार शहर में होल सेल की एजेंसी चलाता था फिर अचानक काशीपुर के एक पत्रकार ने रूद्रपुर में सांध्य दैनिक समाचार पत्र की शुरूआत की काशीपुर के इस पत्रकार ने रूद्रपुर के होल सेल व्यवसायी के सुभाष कालोनी स्थित मकान को किराये में लेकर प्रिंटिंग प्रेस लगाई और यहां से अखवार का संचालन शुरू होने लगा लेकिन रूद्रपुर के पत्रकार ने ऐसी तिकड़म चलाई कि काशीपुर के पत्रकार को प्रिंटिंग प्रेस और अखवार छोड़कर जाना पड़ा यहीं से रूद्रपुर के इस पत्रकार का पत्रकारिता का सफर शुरू हुआ अखवार की आड़ में जमीनों पर कब्जे और विवादित जमीनों को हथियाने का खेल निरंतर कई वर्षो तक चलता रहा।
आगे चलकर इस पत्रकार ने रविन्द्र नगर में गगन ज्योति बारात घर से आगे कल्याणी नदी के पास सड़क पर ही कब्जा कर लिया और वहां पर अखवार की आड़ लेकर प्रेस लगा ली इस विवादित प्रेस को लेकर कई बार लोगों ने आवाज उठाई लेकिन पत्रकारिता की आड़ लेकर इस पत्रकार ने सबकी आवाज को दबा दिया शहर में कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाये गये लेकिन करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे इस भूमाफिया की एक ईंट तक नहीं हिलायी गयी इसी का नतीजा है कि आज इस पत्रकार के हौंसले इतने बुलंद है कि वह पत्रकारों के लिए बने प्रेस क्लब भवन को भी अपने अधिकार में लेने की फिराक में है। यही नहीं कई जगह अवैध रूप से काटी जा रही कालोनियों में भी इस पत्रकार की हिस्सेदारी है।
हैरानी की बात है जिस अखवार की आड़ लेकर इस पत्रकार ने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है। वह छपता ही नहीं शासन प्रशासन और लोगों की आंख में धूल झोंककर इस अखवार को सिर्फ रिकार्ड में छापा जा रहा है। खानापूर्ति के लिए कभी कभार इस समाचार पत्र की पीडीएफ सोशल मीडिया पर डाल दी जाती है।
पत्रकारिता की आड़ और सत्ता पक्ष के लोगों के साथ गठजोड़ करके इस पत्रकार ने जिला मुख्यालय पर आयुर्वेदिक हास्प्पिटल,बार,आईटीआई जैसे कई प्रतिष्ठान खड़े कर दिये हैं जिनमें खुलकर अनियमितताओं का खेल चल रहा है। जिनका खुलासा आगे किया जाएगा।