हठधर्मिता के साथ मज़दूर विरोधी लेबर कोड लागू करने के खिलाफ मोदी सरकार का पुतला दहन
रुद्रपुर। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मजदूरों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए मालिकों के हित में 44 श्रम कानून को खत्म करके लेबर कोड लागू कर दिया गया। मजदूरों पर इस बड़े हमले के खिलाफ आज श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के नेतृत्व में गांधी पार्क में मोदी सरकार और लेबर कोड का पुतला दहन किया गया और 4 लेबर कोड रद्द करने की मांग की गई।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बिहार चुनाव में सफलता से और बेखौफ होकर मोदी सरकार हर तरीके से मजदूर वर्ग पर हमला और तेज कर दिया। देश की मेहनतकश मजदूर आबादी को धर्म और सांप्रदायिकता के नाम पर बांटकर नफरत के रथ पर सवार होकर मजदूर वर्ग पर अब तक का यह सबसे बड़ा हमला बोला है जिसका पूरे देश की मेहनतकाश जनता पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है।
चार श्रम संहिताओं के मूल में है ‘हायर एण्ड फायर’ यानि मालिकों की मर्जी, जब चाहो काम पर रक्खो, जब चाहो निकाल दो! काम के घंटे मालिक की मनमर्जी होगी। अवकाश, कार्य के घंटों आदि की हेरा फेरी की गई है। ठेका प्रथा कानूनी बन जाएगा। ट्रेनी के नाम पर ‘फोकट के मज़दूरों से काम करना वैध होगा। छाँटनी-बंदी आसान होगी, यूनियन बनाना, आंदोलन और समझौता लगभग असंभव होगा; श्रम न्यायालय खत्म होंगे और श्रम अधिकारी फैसिलिटेटर होंगे, जिनका काम सलाह देना होगा। असंगठित क्षेत्र के मज़दूर और असुरक्षित होंगे!
इस दौरान कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के महासचिव चंद्र मोहन लाखेड़ा, सीएसटीयू के मुकुल, धीरज जोशी भाकपा माले के ललित मटियाली, एक्टू की अनीता अन्ना, उत्तम, कारोलिया लाइटिंग इंप्लाइज यूनियन के हरेंद्र सिंह, एलजीबी वर्कर्स यूनियन के गोविंद सिंह, अर्कू बिस्वास आदि मौजूद रहे।।

