Thursday, November 13, 2025
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सेल टैक्स चेक पोस्ट बना अवैध वसूली का अड्डा – अधिकारियों की शह पर प्राइवेट कर्मचारी कर रहे खुलेआम उगाही – प्राईवेट कर्मचारियों की मनमानी से हाईवे पर बढ़ रहे हादसे

सेल टैक्स चेक पोस्ट बना अवैध वसूली का अड्डा

– अधिकारियों की शह पर प्राइवेट कर्मचारी कर रहे खुलेआम उगाही

– प्राईवेट कर्मचारियों की मनमानी से हाईवे पर बढ़ रहे हादसे

सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान 

रूद्रपुर। उत्तराखंड की सीमा पर टैक्स चोरी रोकने के लिए बनाया गया सेल टैक्स चेक पोस्ट अब कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाला अड्डा बन गया है। रामपुर रोड स्थित यह चेक पोस्ट इन दिनों अवैध वसूली, मनमानी और लापरवाही का पर्याय बन चुका है। सूत्रों के अनुसार यहां तैनात सेल टैक्स अधिकारी प्रदीप चन्द्र की शह पर प्राइवेट कर्मचारी दिन-रात गुजरने वाले वाहनों से खुलेआम वसूली कर रहे हैं।

इस चेक पोस्ट पर देव सिंह और महेन्द्र नाम के दो प्राइवेट कर्मचारियों को न केवल अवैध वसूली के लिए लगाया गया है, बल्कि उन्हें चौकी में रहने के लिए बाकायदा कमरा भी दिया गया है। इन दोनों की सक्रियता से दिन-रात यूपी की सीमा से आने वाले वाहनों को रोककर वसूली का खेल चल रहा है। राज्य सरकार ने इस चेक पोस्ट को टैक्स चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किया था, लेकिन इसकी वास्तविकता बिल्कुल विपरीत है। यहां अब सरकारी टैक्स नहीं, बल्कि अपनी जेब भरने का काम हो रहा है।

कई वाहन चालकों का कहना है कि बिना किसी कारण के उनके वाहनों को रोक लिया जाता है और उनसे चेकिंग के नाम पर पैसा मांगा जाता है। विरोध करने पर कर्मचारियों का रवैया दबंगई भरा हो जाता है। एक ट्रक चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया हर बार जब हम उत्तर प्रदेश की ओर से यहां आते हैं, तो पैसे देने पड़ते हैं। नहीं देने पर गाड़ी रोककर घंटों खड़ी कर दी जाती है। कभी कागजों की जांच के नाम पर, कभी वजन के बहाने। अधिकारी सब जानते हैं, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता।

इन प्राइवेट कर्मचारियों की मनमानी से रामपुर रोड हाईवे पर चौकी के आस पास दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बताया गया है कि अचानक किसी वाहन को बीच सड़क पर रोक देने से पीछे आ रहे वाहनों को ब्रेक लगाने पड़ते हैं, जिसके चलते कई बार एक साथ कई वाहन भिड़ जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इस चेक पोस्ट के पास कई हादसे हो चुके हैं। कुछ हादसों में लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं। कई लोग जान गंवाने से बाल बाल बचे हैं।

कई बार कुछ वाहन चालकों ने शिकायत की लेकिन शिकायत करने वालों को कर्मचारियों की दबंगई और धमकियों का सामना करना पड़ा। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी स्तर पर भी इस पूरे खेल की जानकारी होने के बावजूद मौन सहमति बनी हुई है। सवाल यह उठता है कि आखिर सरकारी चेक पोस्ट पर प्राइवेट लोगों की नियुक्ति कैसे और किसके आदेश से हुई? क्या यह विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा है, या फिर किसी अधिकारी की निजी कमाई का जरिया? बहरहाल रामपुर रोड स्थित यह सेल टैक्स चेक पोस्ट अब राजस्व बढ़ाने का नहीं, बल्कि अवैध वसूली का प्रतीक बन गया है। अधिकारी और प्राइवेट कर्मचारी मिलकर सरकारी तंत्र की साख को चोट पहुंचा रहे हैं।।

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