Monday, October 13, 2025
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ऊधम सिंह नगर

बोले सुमन्त, सोता ही छोड़ प्रेमियों को, राघव का जाना अनुचित है.. यदि उचित भी है तो भी जन हृदय दुखाना अनुचित है।

सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान 

रूद्रपुर नगर की प्रमुख बस अड्डे वाली रामलीला में आज सुमंत की वापसी, राम की भील राजा गुह से भेंट, राम केवट संवाद, दशरथ मरण तक की लीला का भावपूर्ण व सुंदर मंचन हुआ। आज दीप प्रज्जवलन नगर के समाजसेवी एवं सिंह फीजियोथेरेपी एवं रिहेब सेंटर के एमडी डा० धनंजय सिंह नें अपनी धर्मपत्नी अंजू सिंह, सुपुत्र रूद्रांश सिंह एवं सुपुत्री दिव्यांशी सिंह सहित सपरिवार किया। श्रीरामलीला कमेटी नें सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर एवं श्री गणेश जी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।

आज प्रथम दृश्य में राम वनों को प्रस्थान करते हैं तो सैंकड़ो अयोध्या वासी भी प्रभु श्रीराम के साथ साथ हो लेते है। अयोध्या की सरहद पर जाते जाते रात्रि घिर आती है। राम सभी को रात्रि विश्राम करनें को कहते है। जब सब अयोध्यावासी गहरी निद्रा में होतें है तो राम मंत्री सुमन्त को जगाते हैं और उन्हें कहते हैं कि आगे का सफर उनको केवल सीता और लक्ष्मण के साथ करना है, इसलिये आप साथ आये सभी अयोध्यावासियों को वापस लें जायें।

यह सुनकर मंत्री सुमन्त दुखी हो जाते है और राम के पैरों में गिरकर वापस आनें की प्रार्थना करते हैं कहते है हो गयी कैकयी की आज्ञा, वन में प्रभु आप विराज चुके, बहुतेरे हृदय गगन पे प्रभु, वरदानों के धन बाज चुके। सुमन्त सिर पटकते रह जाते है लेकिन पिता को दिये वचन से बंधे राम नहीं मानते और अयोध्या की सरहद पार कर वनों में चले जाते है। प्रातःकाल होनें पर अयोध्यावासी जागते है तो वहां राम को न पाकर कोहराम मच जाता है। रोते बिलखते अयोध्यावासी वापस नगर आ जाते है।

इधर वनों में प्रवेश करते ही राम की मुलाकात जंगल के भील राजा गुह से होती है। दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जान जाते है और मित्र बंधन में बंध जाते है। आगे गंगा नदी के तट पर राम की मुलाकात केवट मल्लाह से होती है। राम केवट से गंगा पार करानें का अनुरोध करते है तो केवट उनसे कहता है कि आप तो पूरी दुनिया को तारनें वाले है, यह नाव ही मेरी रोजी रोटी और परिवार को चलानें का जरिया है, इसलिये आपको पहलें अपनें चरणों को धुलवाना होगा। अपनें भक्त केवट की हठ के आगे प्रभु राम मुस्कुराते हुये हां कह देते है। केवट की खुशी का ठिकाना न रहा। वह खुशी खुशी राम को गंगा पार कराते है।

जब राम उन्हें पारिश्रमिक के रूप में सीताजी की अंगूठी देते हैं तो उसे केवट पारिश्रमिक स्वीकार करने से मना कर देता है। वह कहता है इसके बदले आपकों मुझे सपरिवार भवसागर पार कराना होगा। राम आर्शीवाद की मुद्रा में केवट के सर पर हाथ रखते है। चतुर मल्लाह केवट की खुशिओं का ठिकाना नहीं रहता, क्योंकि उसनें अपने परिवार तक को भवसागर से पार करानें का वचन प्रभु से ले लिआ था।

उधर अयोध्या के राजमहल में राजा दशरथ का राम की याद में रो रोकर बुरा हाल हो चुका है। कोई दवा काम नही कर रही। कोई दिलासा उन्हें सहारा नहीं दे रही। हर रानी उन्हें समझा समझा कर हार चुकी है। दिन रात केवल राम राम राम, मेरे राम, आ जाओ मेरे राम की रट लगाये दशरथ को जैसे ही सुमन्त आकर बताते है कि राम वनागमन कर गयें है, राम समझ जाते हैं कि श्रवण कुमार के माता पिता का श्राप अब पूरा होनें वाला है। राम विरह में उनकी आंखों की ज्योति चली जाती है। उन्हें भ्रम होता है श्रवण कुमार को मारा गया शब्दभेदी बाण अब उनकी तरफ आ रहा है। हृदयाघात से उनकी सांसे थम जाती हैं और पर्दा गिर जाता है।

आज की लीला में राजा दशरथ प्रेम खुराना, राम मनोज अरोरा,, केवट मल्लाह- अनिल तनेजा, सुमन्त सचिन आनन्द, राजा गुह- वैभव भुड्डी, लक्ष्मण गौरव जग्गा, सीताजी दीपक अग्रवाल, गणेश भगवान आशीष ग्रोवर आशू कौशल्या नरेश छाबड़ा, सुमित्रा का किरदार हर्ष नरूला, राजा गुह की सेना का किरदार रोहित खुराना, आयुष धमीजा, हर्ष अरोरा, शिवांश कोहली, शौर्य अरोरा, सक्षम दुआ, नें निभाया।

इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के इस अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, बीना बेहड़, पूर्वा बेहड़, नीलम अरोरा, अन्नू अरोरा, नोनी ग्रोवर, दलजीत सिंह, विजय जग्गा, महावीर आजाद, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, केवल कृष्ण बत्रा, हरीश अरोरा, अमित चावला आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, सुशील गाबा, चन्द्र सचदेवा, संदीप धीर, मोहन लाल भुड्डी, विशाल भुड्डी, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, आशीष ग्रोवर आशू, हरीश सुखीजा, मनोज मुंजाल, राम कृष्ण कन्नौजिया, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू शर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, सुरेश ढींगड़ा बाबू, राजकुमार खानिजों, मनोज गाबा, राजकुमार कक्कड़, सचिन मुंजाल, सुभाष तनेजा, मनोज अरोरा, गौरव जग्गा, पुलकित बांबा, गगन गाबा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिड्ढा, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, राजन राठौर, बिट्टू ग्रोवर, सनी आहूजा, विकास चोपड़ा, तरूण चोपड़ा, सुरेश, शिवम जग्गा, कर्मचन्द राजदेव, आकाश कटारिया, सनी कोहली, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, शिवांश कोहली, शौर्य अरोरा, आयुष धमीजा, नीतिश धीर, मोहन अरोरा, हर्ष अरोरा, रोनिक मुंजाल, गर्वित मुंजाल, केतन बांगा, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, चिराग तनेजा, अभय भुड्डी, पुरुराज बेहड़, आशमन अरोरा, अभि चुघ, तन्मय आनन्द, आयुष्मान सुशील गाबा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा, गर्व ठक्कर, कनव गंभीर, महेश गर्ग, संजीव कामरा, राजकुमार नारंग, बल्देव राज तनेजा, लक्की जुनेजा, नैना चावला, आशीष गाबा, हैप्पी रंधावा, ग्रंथ अरोरा, आयुष्मान सुशील गाबा आदि उपस्थित थे।

संचालन विजय जग्गा एवं संदीप धीर नें किया।

बाक्स 001 भील राजा गुह के दल ने समां बांधा भील राजा गुह एवं रामचन्द्र जी की मुलाकात से पूर्व भील राजा गुह एवं उनके दल नें ागृति आदिवासी नृत्य कर पूरा समां ही बांध दिया। इस दृश्य में दल के बच्चों की शानदार वेशभूषा, नृत्य शैली के स्टैप्स को बखूबी सराहा गया। राजा गुह का अभिनय कर रहे कलाकार वैभव भुड्डी ने बताया कि इस पूरे आदिवासी नृत्य के दृश्य की तैयारी एक माह से कोरियोग्राफर के निर्देशन में चल रही थी। राजा गुह के दल में प्रमुख रूप से मोहन अरोरा, अक्ष अग्रवाल, हर्ष अरोरा, पुरुराज बेहड़, शौर्य अरोरा, अग्रिम सचदेवा, सक्षम दुआ, आयुष धमीजा, शिवांश कोहली, राजा आदि थे।

संदीप धीर के संचालन के सभी कायल

मंच संचालक संदीप धीर अपने सुमधुर संचालन से श्री रामलीला मैदान में उपस्थित हजारों दर्शकों को बांधे रखते है। खासतौर पर जब पर्दो की तैयारी के बीच समय होता है, तो उस समय दर्शकों को श्री रामचरित मानस के प्रसंगो, सनातन संस्कृति की विशेषताओं के साथ साथ हिंदू धर्म के प्रति जागरूग करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम का प्रतीक पुरातन सनातन संस्कृति सभी का भला चाहनें वाली संस्कृति है।।

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