ऊधम सिंह नगर

अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई बेअसर – ध्वस्तीकरण के बाद भी दोबारा शुरू हुआ निर्माण – अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल – नदी किनारे बिना नक्शा पास किए चल रहा निर्माण

अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई बेअसर

– ध्वस्तीकरण के बाद भी दोबारा शुरू हुआ निर्माण

– अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल

– नदी किनारे बिना नक्शा पास किए चल रहा निर्माण

सौरभ गंगवार टुडे हिंदुस्तान 

रुद्रपुर। सिडकुल के सामने बनरसिया नदी के बराबर में चल रहा अवैध निर्माण जिला विकास प्राधिकरण और प्रशासन की कार्रवाई को धता बता रहा है। दो सप्ताह पूर्व जिस निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त कर पूरी तरह रोकने के निर्देश दिए गए थे, वह प्रशासन की सख्ती के बावजूद फिर से शुरू हो गया है। इससे न सिर्फ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट हो रहा है कि अवैध निर्माण पर लगाम कसने की कोशिशें प्रभावी साबित नहीं हो रही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नदी के बिल्कुल सटे इलाके में निर्माण कार्य नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा था। निर्माण का नक्शा जिला विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं था। शिकायत मिलने पर प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय एसडीएम और तहसीलदार के साथ मौके पर पहुँचे थे। संयुक्त कार्रवाई में अवैध रूप से खड़ी की गई दीवार को जेसीबी से गिरा दिया गया था और पूरी जगह पर निर्माण पर सख्त रोक लगा दी गई थी। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों को चेतावनी देते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार का निर्माण न करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे।

15 दिन पहले की कार्यवाही

इसके बावजूद निर्माण कार्य पुनः शुरू हो गया है। आश्चर्य की बात यह है कि निर्माण के लिए जिम्मेदार माने जा रहे राजेंद्र जायसवाल का कहना है कि उन्हें प्रशासन से अनुमति प्राप्त है। जब इस संबंध में एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने किसी भी प्रकार की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया एडीएम पंकज उपाध्याय ने भी स्पष्ट किया कि प्राधिकरण ने कोई परमिशन जारी नहीं की है। उन्होंने कहा कि यदि निर्माण दोबारा किया जा रहा है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल पुनः शुरू हुए इस अवैध निर्माण ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारी अनुमति न देने की बात कर रहे हैं, लेकिन मौके पर तेज़ी से चल रहा काम बताता है कि कहीं न कहीं निगरानी में ढिलाई है। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग यह पूछ रहे हैं कि प्रशासन की सख्ती के बाद भी अवैध निर्माण किसकी शह पर जारी है।।

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