विधवा की जमीन पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि – दबंगों की साजिश पर कानून भी बेबस – दो बार हुआ हमला, पुलिस-प्रशासन मौन
सौरभ गंगवार/टुडे हिंदुस्तान
विधवा की जमीन पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि
– दबंगों की साजिश पर कानून भी बेबस
– दो बार हुआ हमला, पुलिस-प्रशासन मौन
गदरपुर । तहसील क्षेत्र की पंजाबी कॉलोनी में स्थित एक भूखंड को कब्जाने की नीयत से कुछ दबंगों द्वारा एक विधवा महिला पर दो बार जानलेवा हमला किया गया, लेकिन पुलिस और प्रशासन की चुप्पी ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। पीड़िता ने उपजिलाधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दी है, मगर अब तक उसे किसी भी स्तर से राहत नहीं मिली है।
वार्ड नंबर 10, आजादनगर गदरपुर निवासी श्रीमती अरमाना बेगम, पत्नी स्वर्गीय इरफान अली, विधवा होने के साथ बीमार भी हैं। पंजाबी कॉलोनी स्थित खसरा नंबर 01498 उनका भूखंड है। दिनांक 23 जून 2025 की शाम करीब चार से पांच बजे वह अपनी जमीन की देखरेख के लिए वहां पहुंचीं, तो मोहम्मद अजरूद्दीन पुत्र मसरूद्दीन, कारी खुर्शीद निवासी वार्ड नंबर सात इस्लामनगर और शकील मियां पुत्र स्वर्गीय बच्छन मियां निवासी करतारपुर कॉलोनी वहां आ धमके। पीड़िता के अनुसार, आते ही उन्होंने गाली-गलौच शुरू कर दी और धमकाया कि वे इस खेत को बिकने नहीं देंगे और जल्द ही कब्जा कर लेंगे। इसके बाद वे हमले पर उतारू हो गए और बदतमीजी करते हुए मारपीट करने लगे। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, तब जाकर महिला को किसी तरह बचाया गया। जाते-जाते आरोपियों ने धमकी दी कि अगर वह दोबारा यहां आई तो जान से मार दिया जाएगा।
इस घटना की दहशत से महिला उबर भी नहीं पाई थी कि फिर वही सिलसिला दोहराया गया। 27 मई 2025 को करीब दोपहर 12 बजे अरमाना बेगम फिर से भूखंड देखने गईं, तो मोहम्मद अजरूद्दीन, कारी खुर्शीद, शकील मियां और सिराजुद्दीन उर्फ डिस्को अपने 10-12 साथियों के साथ वहां पहुँच गए। पीड़िता का कहना है कि आरोपियों ने आते ही गालियां देनी शुरू कर दीं। जब उसने विरोध किया तो कब्जे की नीयत से ईंट-पत्थरों से हमला करने की कोशिश की गई। आसपास के लोग शोर सुनकर इकट्ठा हुए तो हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए।
पीड़िता का आरोप है कि उक्त भूखंड के मामले में मोहम्मद अजरूद्दीन ने पहले भी ठगी की थी, जिसके खिलाफ उसने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस भेजा था। इसी रंजिश के चलते अब उस पर दबाव, धमकी और हमले हो रहे हैं। इन घटनाओं के बावजूद न तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम किया गया। मजबूर होकर अरमाना बेगम ने तहसील गदरपुर के उपजिलाधिकारी को लिखित शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है, मगर वहां से भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़िता ने साफ शब्दों में कहा है कि आरोपी दबंग और भू-माफिया प्रवृत्ति के लोग हैं, जो कभी भी जान-माल की हानि पहुंचा सकते हैं। वह डरी-सहमी हुई है और अकेले संघर्ष कर रही है। यह मामला सिर्फ एक भूमि विवाद नहीं, बल्कि एक विधवा महिला की सुरक्षा, उसके अधिकारों और प्रशासनिक निष्क्रियता का आईना भी है। लगातार धमकियों और दो-दो हमलों के बावजूद पुलिस-प्रशासन की चुप्पी कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अरमाना बेगम ने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, भूखंड को कब्जे से बचाने और स्वयं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।।